नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महंगाई, बेरोजगारी, राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन, टीकाकरण और नागालैंड की घटना को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सीमा पर वर्तमान स्थिति एवं पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों पर संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पूर्ण चर्चा की जानी चाहिए. संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन संविधान और संसदीय नियमों का उल्लंघन है. सरकार का यह कदम अप्रत्याशित एवं अस्वीकार्य है. सीपीपी की बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और पार्टी के कई अन्य सांसद शामिल हुए. कांग्रेस अध्यक्ष ने नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 लोगों के मारे जाने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस घटना पर सरकार का केवल अफसोस जता देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि आगे ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए उसे ठोस कदम उठाने चाहिए. सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार की, कामकाज की सामान्य शैली के अनुसार, तीन कृषि कानूनों को भी अलोकतांत्रिक ढंग से निरस्त किया गया. उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन और कांग्रेस की ओर से पुरजोर ढंग से आवाज उठाने के बाद एक ‘अहंकारी सरकार’ झुकने को विवश हुई.
राहुल गांधी ने भी बोला हमला
राहुल गांधी ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, कृषि संकट, चीन के कब्जे सबकी जड़ एक ही है- मोदी सरकार का अहंकार, मित्र-प्रेम व विफलता. अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने के साथ ही, हम कांग्रेस शासित राज्यों में जनता के मुद्दों को सुलझा रहे हैं, जन के मन की बात सुन रहे हैं.