नागपुर। (नामेस)। 6 से 26 दिसंबर तक शहर में क्षय रोग अभियान और राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत नागपुर महानगरपालिका शहर में टीबी अनुसंधान अभियान चला रहा है. मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. के निर्देशानुसार यह विशेष अभियान 6 से 26 दिसंबर तक शहर में चलाया जाएगा. इस दौरान मंच की आशा सेविकाएं शहर के उच्च जोखिम वाले स्थानों और परिसरों का दौरा करेंगी और नागरिकों को टीबी और एनएमसी द्वारा की गई व्यवस्था के बारे में अवगत कराएंगी. कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई आपातकालीन स्थिति के मद्देनजर शहर में और अधिक अत्यावश्यकता से टीबी के निदान के संबंधित जनजागृति और मरीजों की संख्या का विश्लेषण किया जा रहा है. मरीजों की संख्या में पिछले 1 वर्ष की तुलना में भारी कमी आई है. इस संबंध में भारत सरकार की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय रोगियों के शीघ्र निदान के लिए विभिन्न उपायों का प्रस्ताव कर रही है. महामारी विज्ञान के अध्ययन के अनुसार यदि तपेदिक या रोगी निदान और दवा से वंचित रहते हैं, तो रोगी को बीमारी से उत्पन्न होने वाली जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा. साथ ही अन्य लोगों को भी इस विशेष अभियान को समाज के सभी टीबी रोगियों को खोजने और उनका इलाज शुरू करने के उद्देश्य से लागू किया जाएगा.
आशा सेविकाएं विभिन्न इलाकों में करेगी दौरा
इस अभियान के तहत एनएमएमसी की आशा सेविकाएं उच्च जोखिम वाले क्षेत्र जैसे मलिन बस्तियों, वीटभट्टी, खानाबदोश जनजातियों, काम के लिए आए प्रवासियों के साथ-साथ खदान श्रमिकों, बेघर सामाजिक समूह के साथ-साथ जेलों, वृद्ध आश्रम, छात्रावासों का दौरा करेंगी. बच्चों के छात्रावास मनोरोग अस्पताल आदि संस्थानों का भी जायजा लिया जाएगा.आशा स्वयंसेविकाएं बीमारी से प्रभावित लोगों को टीबी के उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी देंगी और रोग निदान के विभिन्न पहलुओं से नागरिकों को अवगत कराएंगी.