नागपुर।(नामेस)। जिला व सत्र न्यायालय ने शनिवार को नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन बेच कर धोखाधड़ी करने के एक मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों को 5 वर्ष की कैद और 5000 जुर्माने की सज़ा सुनाई है. सत्र न्यायालय के न्यायाधीश पी.बी. घुगे की कोर्ट ने शनिवार को यह निर्णय दिया है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सजा हुए आरोपियों में सुमित सुखदेव मनोहरे (35) सिरसपेठ, इमामबाड़ा निवासी, अनिकेत मोरेश्वर नंदेश्वर (21) भंडारा निवासी, और अभिलाष देव रावजी पेटकर (28) सावनेर पाटनसावंगी निवासी का समावेश है. 20 अप्रैल को इनार्च कोविड हॉस्पिटल, आयुर्वैदिक लेआउट मिर्ची बाजार में पेशंट रमेश बरडे को डॉक्टरों ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए रेमडेसीविर इंजेक्शन देने कहा था. आरोपियों ने नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन को असली बताते हुए 28 हजार रुपयों में मरीज के रिश्तेदार को बेच कर धोखाधड़ी की थी. इंजेक्शन के नकली होने का पता चलते ही सक्करदरा पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ धारा 420,34 व औषधीय प्रसाधन के अधिनियम 1940 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. शनिवार को इस मामले में शामिल तीन आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनाई है. कोर्ट में जांच अधिकारी के रूप में सहायक पुलिस निरीक्षक सागर अव्हाड ने चार्जशीट दाखिल की थी. सरकारी वकील के रूप में एडवोकेट ज्योति वजाणी व आरोपी की तरफ से एडवोकेट नितिन वासे और रमेश गायकवाड ने कोर्ट का कामकाज देखा.