-सरकार ने फिर से फिजिकल क्लासेज को दी मंजूरी
-मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मिली स्वीकृति
मुंबई। (एजेंसी)। महाराष्ट्र में एक बार फिर से सभी स्कूल खुलने जा रहे हैं. 1 दिसंबर से राज्य के सभी स्कूलों को खोलने की इजाजत सरकार की तरफ से दे दी गई है. कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले काफी समय से स्कूल बंद थे. बच्चे सिर्फ आॅनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई कर रहे थे. लेकिन कम होते संक्रमण के मामलों के बीच सरकार ने फिर से स्कूलों को खोलने की इजाजत दे दी है. अब 1 दिसंबर से सभी स्कूलों को फिर से खोल दिया जाएगा. बच्चे अब घरों से निकलकर स्कूलों में फिजिकल तरीके से क्लासेंज अटेंड कर सकेंगे. महाराष्ट्र कैबिनेट ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बता दें कि इससे पहले सरकार ने फिजिकल क्लासेज के लिए सिर्फ कक्षा 8 से 12 तक के स्कूल खोलने को मंजूरी दी थी. अब 1 दिसंबर से सभी क्लासेज के बच्चे फिजिकल क्लासेज स्कूलों में अटेंड कर सकेंगे. यह जानकारी महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दी है. राजेश टोपे ने बुधवार को कहा था कि बच्चों के लिए उडश्कऊ-19 टास्क फोर्स ने कक्षा 1-7 के छात्रों के लिए स्कूल फिर से खोलने की मंजूरी दे दी है. लेकिन स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा.
मार्च 2020 में स्कूलों में बंद हुईं आॅफलाइन कक्षाएं
महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की वजह से मार्च 2020 में स्कूलों में आॅफलाइन कक्षाएं बंद कर दी गईं थीं. ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में 12 जुलाई से कक्षा 8 से 12 के छात्रों के लिए आॅफलाइन कक्षाएं फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बाद में फिर से इन्हें बंद कर दिया गया था. अब एक बार फिर से सरकार ने स्कूलों को खोले जाने की अनुमति दे दी है. अब 1 दिसंबर से सभी बच्चे स्कूलों में जाकर क्लासेज अटेंड कर सकेंगे. लेकिन इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा पालन करना होगा.
माता-पिता ने की थी फिर से स्कूल खोलने की अपील
मुंबई में कुछ लोगों ने स्कूलों को फिर से खोले जाने की याचिका सरकार के लगाई थी. उनका कहना था कि कोरोना के मामलों में अब गिरावट देखी जा रही है इसीलिए फिर से स्कूल खोल दिए जाएं. बच्चों के माता-पिता ने आॅनलाइन कक्षाओं के दौरान छात्रों को होने वाली परेशानियों और उनके बच्चों पर महामारी के प्रभाव के बारे में सीएम उद्धव ठाकरे को एक खुला पत्र लिखा था. इस याचिका पर 1,800 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए थे.