लखनऊ। (एजेंसी)। केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर सोमवार को यहां बंगला बाजार (पुरानी जेल रोड) स्थित इको गार्डन में आयोजित ‘किसान महापंचायत’ में देश के विभिन्न राज्यों के किसान पहुंचे। किसानों ने महापंचायत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाने और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ की बर्खास्तगी समेत अन्य प्रमुख मांगों को उठाया। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भी किसानों ने अपनी महापंचायत आयोजित की और अपनी छह सूत्रीय मांगों पर जोर दिया। महापंचायत में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, तीन कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के अलावा और भी कई मुद्दे हैं जिनका समाधान किए जाने की जरूरत है। ऐसा लगता है कि कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा के बाद सरकार किसानों से बात नहीं करना चाहती है। सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि उसने कानूनों को निरस्त कर दिया है और वह हमसे बात करना नहीं चाहती है, ताकि हम गांवों में जाना शुरू कर सकें। उत्तराखंड से एसकेएम नेता गुरप्रीत सुकिया ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड के किसान लखनऊ में किसान महापंचायत में हिस्सा लेने आए हैं। अखिल भारतीय महिला जनवादी समिति (एडवा) की प्रदेश अध्यक्ष मधु गर्ग, राष्ट्रीय किसान मंच के शेखर दीक्षित ने भी भाषण दिया।
एसकेएम ने छह मांगें
एसकेएम ने छह मांगें रखीं, जिनमें उत्पादन की व्यापक लागत के आधार पर एमएसपी को सभी कृषि उपज के लिए किसानों का कानूनी अधिकार बनाने, लखीमपुर खीरी घटना के संबंध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और उनकी गिरफ्तारी के अलावा किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के लिए स्मारक का निर्माण शामिल है। एसकेएम ने पर्यावरण संबंधी अधिनियम में किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान हटाए जाने और सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत संशोधन विधेयक 2020-2021 के मसौदे को वापस लेने की भी मांग की है।