दिग्रस।
अरुणावती बांध के मछवारो की रोजी रोटी मानो अब चोरों के निशाने पर है। बीते माह में शातिर चोरों ने 50 हजार कीमत के मछली पकड़ने के कुल 43 पिंजरो पर हाथ साफ कर दिया है। इस घटना के बाद मछवारो पर बेरोजगारी नौबत आन पड़ी है।प्राप्त जानकारी के अनुसार दिग्रस पुलिस में इस बाबत 17 अक्तूबर को शिकायत दर्ज की गई है, लेकिन अब तक चोरों का कोई सुराग हाथ नही आया है। इस संदर्भ में उक्त घटना के शिकार हुए चाँदनागर निवासी युवा मछवारे सतीश किसान बावणे(25) नागपुर मेट्रो से संपर्क कर जानकारी दी के बीते 5 अक्तूबर की रात को उन्होंने मछलियाँ पकडने के उद्देश्य से अरुणावती बांध के जूनी देउरवाडी क्षेत्र में 43 पिंजरे पानी मे लगाए और वे घर चले गए,जिसके बाद दूसरे दिन जब उन्होंने वहां जाकर देखा तो एक भी पिंजरा जगह पर नही था, ऐसे में सतीश के पैरों तले जमीन सरक गयी। जिसके बाद हड़बड़ाए सतीश ने आस पास के परिसर में पिंजरों की तलाशी ली। पड़ोस के लोगो से भी पूछताछ की लेकिन कोई सुराग हाथ नही आया। जिसके बाद उन्होंने 17 अक्टूबर को इस घटना की शिकायत दिग्रस पुलिस थाने में दर्ज कराई। जिसके पांच दिन बाद पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर छानबीन की लेकिन कुछ हाथ नही आया। शिकायत दर्ज करने के 20 दिन बाद भी चोरों का कोई सुराग दिग्रस पुलिस के हाथ नही आया है। एक तरफ इस मामले में दिग्रस पुलिस की जांच अब ठंडे बस्ते में जाती दिख रही है,जबकि सतीश बावणे नामक युवा मछवारे के रोजागर का साधन चोरी होने से उसपर बेरोजगारी का संकट मंडरा रहा है।
बावणे परिवार पर लटक रही भुखमरी की तलवार-
सतीश बावणे ने नागपुर मेट्रो समाचार को बताया की उनके परिवार सदस्य पेशेवर खानदानी मछवारे है। फिलहाल वे बांध के अधिकृत ठेकेदार के लिए मछली पकड़ने का काम करते है।ऐसे में गत दिनों सारे के सारे पिंजरे चोरी हो जाने से उनका कमाई का साधन छीन गया है,जिस वजह से परिवार पर भुखमरी की नौबत आगयी है। इसलिए दिग्रस पुलीस तत्काल इस मामले की शीघ्रगति से जांच कर न सिर्फ चोरों को पकड़ कर सजा दे बल्कि उनके पिंजरे दिला कर उन्हें बेरोजगारी के संकट से निजात दिलाये ऐसी मांग भी सतीश ने दैनिक नागपुर मेट्रो समाचार के माध्यम से की हैं।