नागपुर।(नामेस)।
राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों के सरकारी सेवा में विलय की मांग को लेकर जारी आंदोलन सोमवार को भी जारी रहा. सोमवार को नागपुर डिपो से एक भी बस नहीं चल सकी. कर्मचारियों के आंदोलन के कारण एसटी बस का परिचालन 100 प्रतिशत बाधित रहा. उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही कर्मचारियों ने अपना कड़ा रुख अपना लिया था और बाहर शहर की एसटी बसों को आधी रात को ही रवाना कर दिया था ताकि अगले दिन उन्हें भेजने का दबाव न बनाया जा सके.नागपुर मंडल के तहत कुल 8 डिपो हैं जिनमें 450 बसें रखी गई हैं. वहीं, कुल 3,900 कर्मचारियों का एक विशाल विभाग है. इनमें 2,600 कर्मचारी, 1,500 चालक व वाहक जबकि 800 तकनीकी कर्मचारी शामिल हैं. यात्रियों की परेशानी, प्राइवेट बसों की चांदी ऐन दिवाली के त्योहारी सीजन में एसटी कर्मचारियों ने यात्रियों को हलाकान कर दिया है.ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी एसटी बसें हजारों यात्रियों के लिए इस दिवाली के त्यौहार में वाहक बनती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका. दिवाली से शुरू हड़ताल ने सोमवार को बड़ा रूप लिया और संभाग में एक भी बस नहीं चलने दी गई. कई यात्री बसों के टाइमिंग के हिसाब से गणेशपेठ एसटी स्टैंड पहुंचे और घंटों का बसों का इंतजार कर परेशान होते रहे.
मजबूरन प्राइवेट बसों का सहारा
ऐसे में यात्रियों को मजबूरन प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ा जहां उन्हें सामान्य से अधिक किराये के कारण जेब हल्की करनी पड़ी. ट्रैवल कंपनियां मौके का पूरा फायदा उठाकर मजबूर यात्रियों को लूटने पर उतारू है.