भंडारा।
कोका वन्यजीव अभयारण्य से सटे भंडारा वन रेंज कार्यालय के गट क्रमांक 499 में भुताई तालाब में तेंदुआ मृत पाया गया था। वन्य जीव आकर खेत को तबाह कर देते हैं, इसलिए सुरक्षा के लिए खेत में बिजली का करंट लगाया गया बिजली के झटके से तेंदुए की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शी साक्ष्य के बिना अज्ञात आरोपी का पता लगाना मुश्किल भरा काम था। घटना की गंभीरता को देखते हुए उप वन संरक्षक एस.बी. भलावी ने भंडारा वन परिक्षेत्र अधिकारी विवेक राजुरकर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी और यशवंत नागुलवार और वरिष्ठ निष्कर्षण अधिकारी साकेत शेंडे को मार्गदर्शक के रूप में नियुक्त किया। इस अवसर पर पशुपालन अधिकारी डॉ. गुणवंत भडके ने प्रारंभिक अनुमान लगाया था कि तेन्दुआ की मौत बिजली के झटके से हुई है। जांच अधिकारी राजुरकर ने वन विभाग के स्वान दस्ते को एक पल की देरी के बिना साकोलीसे बुलाया। दो दिन में जांच का दौर चलाकर क्षेत्र व गांव में सीधी व गुप्त पूछताछ शुरू की गई। अंततः दो मुख्य आरोपित रामेश्वर काशीराम मनापुरे (55), संतोष तुलसीराम सक्करवार (40) कोका निवासी को वन विभाग की जांच टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उसे भंडारा की एक अदालत में पेश किया गया जहां उसे दो दिन की हिरासत में भेज दिया गया। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, तेंदुए का लाखनी पशुधन विकास अधिकारी गुणवंत भाडके और मानेगांव पशुधन विकास अधिकारी विट्ठल हटवार द्वारा शव परीक्षण किया गया था। मानद वन्यजीव रेंजर भंडारा शाहिद खान और सहायक वन संरक्षक साकेत शेंडे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित थे। आगे की जांच उपवन संरक्षक एस.बी. भलावी के मार्गदर्शन में वन रेंज अधिकारी विवेक राजुरकर कर रहे हैं।