गोंदिया।
महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम पर करोड़ों का भारी असर पड़ा है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति डगमगा गए गई हैं। परिणाम स्वरुप कर्मचारी का वेतन विलंब से हो रहा हैं। हाथ में पैसा नहीं होने से रोजमर्रा का खर्च चलाने के लिए इन कर्मचारियों कर्ज का आधार लेना पड़ रहा हैं। यही वजह है कि रापनि के अधिकारी कर्मचारी कर्जबाजारी हो गए हैं। इन कर्मचारियों को सुविधा हो इसके लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट को ऑपरेटिव बैंक से कर्मचारी कर्ज लेकर अपनी जरूरतें पूरी कर रहे है। इसमे अनेक कर्मचारियों के सिर पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है। इसमें 1.75 लाख से 9 लाख तक का कर्ज लेकर कर्मचारी कर्ज के जाल में फंस गए हैं।
कर्मचारियों के सिर पर कर्ज का बोझ बढ़ा-
अब दिवाली का त्यौहार हैं लेकिन सितंबर माह का वेतन हाथ में नहीं आया है। वही अक्टूबर माह आधा बीत गया है। इसके बाद भी वेतन का कोई पता नहीं है। रापनि के कर्मचारी को कर्जबजारी होने के लिए यहीं परिस्थिति जिम्मेदार हैं।
स्टेट ट्रांसपोर्ट को ऑप. बैंक से सुविधा-
पैसे की जरूरत होने से उसे पूर्ण करने के लिए एसटी कर्मचारियों को स्टेट ट्रांसपोर्ट को ऑफ बैंक से कर्ज लेने की सुविधा है। इसमें कर्मचारी को शॉर्ट टर्म वह लोंग टर्म में इसी तरह दो प्रकार के कर्ज दिए जाते हैं। इसके लिए दोनों प्रकार के अलग-अलग अवधि सदस्यता ग्रहा मानी जाती है। जिसके आधार पर कर्ज दे दिया जाता है। इन कर्मचारियों को सबसे अधिक अधिक 9 लाख रुपये तक तक कर्ज लाॅग टमॅ के लिए दिया जाता है। इसके लिए 10 वर्षों से अधिक अवधि की सदस्यता होना आवश्यक है।