भंडारा।
कोका वन्यजीव अभयारण्य से सटे गांव के बाहर रविवार को एक नाव में छह वर्षीय नर तेंदुए का शव मिला। तेंदुए का वन कर्मियों और पशु चिकित्सा अधिकारियों की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार किया गया और विश्राम गृह परिसर में अंतिम संस्कार किया गया। भंडारा वन अभ्यारण्य के कोका में निजी समूह संख्या 499 भुताई बोडी ने बताया कि कोका गांव में तेंदुआ वन्यजीव मर गया था। जैसे ही वन अधिकारियों को पता चला कि ग्रामीणों की भीड़ शव की ओर बढ़ रही है, वे मौके पर पहुंचे। वन संरक्षक एस.बी. भलवी, सहायक वन रेंजर वाई.बी. नगुलवार एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी भंडारा वी.बी. जब राजूरकर मौके पर पहुंचे तो उन्होंने करीब पांच से छह साल के एक नर बिच्छू को मृत पाया। साकोली वन्यजीव कार्यालय से जांच के लिए कुत्तों की टीम बुलाई गई थी। इस बीच, मृत तेंदुए को कोका के एक वन विश्राम गृह में स्थानांतरित कर दिया गया। गुणवंत भादके, पशुधन विकास अधिकारी, लाखनी और विट्ठल हटवार, पशुधन विकास अधिकारी, मानेगांव ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अनुसार तेंदुए का शव परीक्षण किया। मानद वन्यजीव रेंजर भंडारा शाहिद खान और सहायक वन संरक्षक साकेत शेंडे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित थे। आगे की जांच उप वन रेंजर एस.बी. भलवी के मार्गदर्शन में जांच जारी हैं।
बिजली के झटके से हुई मौत – डॉ. गुणवंत भडके
मृत तेंदुआ नर हैं और उसकी उम्र 5 से 6 साल हैं। तेंदुए को रविवार 17 की सुबह 7.30 बजे शिकारी की तलाश के दौरान करंट लगने से मौत हो गई, मृत तेंदुए की छाती और अन्य हिस्से बिजली के करंट से घायल हो गए पाए गए। इसलिए हो सकता है किसी खेत में तेंदुए की मौत हुई हो और उसके शव को शव में फेंका गया हो, ऐसा अनुमान पशुधन विकास अधिकारी डॉ. गणवंत भाडके ने व्यक्त किया।