गोंदिया।
भारी प्रयासों के बावजूद नगर परिषद आज तक धन कचरा (ठोस कचरा) प्रकल्प की समस्या हल नहीं कर पाई और यह शेत्र हर वर्ग के नागरिकों के लिए भारी त्रासदी बन चुका है। इसे लेकर न जाने कितने ही स्तर पर जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी किसी तरह की कोशिश बाकी ना हो रही होगी लेकिन इसका हल अब तक नहीं निकला. वर्षों से प्रयास जारी है। शुरुआत में ऐसी होती है मानो सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन वर्षो की अवधि में किसी न किसी तरह का कोई ना कोई अड़ंगा निर्माण हो रहा है। नप के माध्यम से नप के सीमावर्ती ग्रामों में इस प्रकल्प को लगाने के लिए अनेक प्रयास किए गए है। लेकिन सभी तरह असफलता ही मिली है। अब ग्राम सोनपुरी में इस प्रकल्प को स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई लेकिन यहां पर भी ग्रामीणों को ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। इस संबंध में अपर मुख्य अधिकारी करण कुमार चौहान ने जिलाधिकारी कार्यालय को 31 अगस्त 2020 को संपूर्ण विवरण नियुक्त पत्र देकर धनकचरे की प्रक्रिया करने के लिए किसी निजी प्लांट में काम कराने मजूरी देने की मांग की थी। इस पत्र में कहा गया था कि नप गोंदिया ‘अ’ श्रेणी वाली है। इसकी स्थापना 1920 मे हुई है, सन 2011 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 1 लाख 32 हजार 813 है। इसी तरह क्षेत्रफल की दृष्टि से 18.08 वर्ग किमी क्षेत्र में जहर फैला है।
प्रतिदिन निकलता हैं 70 मैट्रिक टन कचरा-
शहर में प्रतिदिन कुल 70 मीटर तक घन कचरा निकाल रहा है। शहर में कचरे पर वैज्ञानिक पद्धति से प्रक्रिया करने के लिए सन 2004 में ग्राम टेमनी में प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन ग्रामीणों के विरोध को देखकर वक्त प्रक्रिया केंद्र सन 2008 में बंद कर दिया गया। इसके बाद शहर के धन कचरे पर मोक्षधाम स्थिति निजी जगह पर कचरा डंप कर प्रक्रिया की जा रही है। इसी तरह शासन निर्णय क्र.रवमअ2018/प्रब 311(19) नवि-34 मंत्रालय मुंबई 16 नवंबर दो हजार अट्ठारह अन्वय मंजूर धनक कचरा प्रकल्प क्रियान्वयन के लिए प्रक्रिया केंद्र लगाने ग्राम रतनाराम में नवाबों के माध्यम से जगह की खोज की गई इसके लिए नपगो/कवि/र-ववि/1425/2018 के तहत जगह धकचरा व्यवस्थापन प्रक्रिया केंद्र निर्माण करने के लिए जगह की मांग की गई लेकिन वहां ग्राम सभा ने इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। इसके बाद ग्राम कारंजा स्थित वन विभाग के भूखंड क्र. 79 में 2.5 एकड़ जगह प्रक्रिया केंद्र के लिए उपलब्ध कराने कारंजा ग्राम पंचायत से मांग की गई. उसका भी ग्रामीणों ने ग्रामीणों ने विरोध किया।
पोलुशन कंट्रोल बोर्ड की चेतावनी-
इसी तरह महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पत्र क्र.एमसीबी आरओ(आरओ) एमएसडब्ल्यू/ डायरेक्शन 3891 दिनांक 10 अक्टूबर 2019 अनवये धन कचरा व्यवस्थापन प्रक्रिया केंद्र की शत-प्रतशत प्रक्रिया करें अन्यथा 10 करोड रुपये का जुर्माना व हर दिन 1 लाग रुपये के जुर्माने की कार्रवाई नप पर पर्यावरण की क्षती करने के लिए की जाएगी।इसी तरह नप धन कचरा निहाय 2016 अनवये क्रियान्वयन होने पर 2 वर्ष के अंदर नियमों के तहत कार्रवाई करना नप के लिए अनिवार्य है। नप मुख्यअधिकारी ने कहा है कि उन्होंने जिलाधीश की मांग पर धन कचरा संबंधी विस्तृत जानकारी दे दी है। वर्षो से लंबित विवादों से घिरी शहर के धन कचरे की समय से जिस तरह विकराल हो गई है अभी उसके सुलझने ने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। ऐसे में इको शाइन इंडिया नामक एक स्वतंत्र व्यक्तिगत संस्था की चर्चा उभर कर सामने आई है जो गोरेगांव तहसील में स्थित महाराष्ट्र उद्योगी क्षेत्र में स्थापित है।
8.73 करोड रुपए मंजूर हुए थे प्रबंधन के लिए-
जबकि शासन ने 16 नवंबर को नप गोंदिया का धन कचरा व्यवस्थापन प्रक्रिया के लिए 8.73 करोड रुपए का प्रकल्प मंजूर किया है। इस मंजूरी के बाद में ने धनकचरा व्यवस्थापन के लिए फोर व्हीलर वाहन व हेडकाटॅ को खरीदने खरीदी कर धन कचरा संकलन वह यातयात शुरू किया गया लेकिन मंजूर प्रकल्प के अनुसार धन कचरा प्रक्रिया केंद्र का काम शुरू नहीं किया जा सका। विधानसभा में विधायक विनोद अग्रवाल ने शहर के धन कचरे का बंदोबस्त करने के लिए ध्यानाकर्षण प्रश्नन क्र.3891 दिनांक 16 फरवरी 2020 को प्रस्तुत किया था।