कुही:
नगर पंचायत द्वारा शहर के प्रबंधन के तहत कचरा ट्रक द्वारा शहर में कचरा एकत्र किया जाता है और शहर के बाहर प्रसंस्करण केंद्र में लाया जाता है. लेकिन पिछले तीन सालों से घंटा गाड़ी पर बिना नंबर शहर में घूम रही है. ऐसे में कोई जीवित हानी हो गई तो उसके जिम्मेदार कौन होगा? आरटीओ द्वारा इस पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग नागरिकों द्वारा की जा रही है.कुछ दिनों से घंटागाड़ी भी शहर का कचरा जमा करने के लिए नहीं आ रही है. इस समय सारिणी में भी परिवर्तन किया गया है. जिसके कारण अनेक घरों में कचरा सड़ रहा है. नगर पंचायत में कुही ग्राम पंचायत की झलक मिलते ही शहर की सूरत कुछ बदल गई.कुछ सुविधाओं को भी बढ़ाया गया है क्योंकि विभाग को स्वतंत्र अधिकारी और कर्मचारी मिल गए हैं. इसमें मुख्य रूप से घरेलू कचरा सड़क के पास सार्वजनिक स्थानों पर फेंका जा रहा था. हालांकि नगर पंचायत बनते ही आंतरिक ठोस कचरा प्रबंधन किया गया। ये वाहन शहर की सड़कों पर कूड़ा उठाने के लिए जाते हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों में पुराना ठेका रद्द कर नया ठेका दिया गया। चूंकि नए ठेकेदार ने अभी तक कूड़ेदान पर नजर नहीं डाली है.
अनेक वार्डों में दो-तीन दिनों के बाद घंटागाड़ी नजर नहीं आ रही है. अधिकांश नागरिक इस दौरान घर पर नहीं रहते हैं. इसके चलते कई जगह कचरा जमा हो गया है. नागरिक मांग कर रहे हैं कि कुही नगर पंचायत प्रशासन इस पर ध्यान दे. लेकीन नगर पंचायत प्रशासन अनदेखा करने का ढोंग कर रही है. शहरवासियों का आरोप है की शिकायत करने पर अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं लेते और अनाब-शनाब जवाब देकर लोगों को वापस भेज देते हैं.
अधिकारी-ठेकेदार की मिलीभगत का आरोप
जिस ठेकेदार को सफाई का काम दिया गया है वह अपनी मनमर्जी अनुसार ही गांव की सफाई करता है. लेकिन अधिकारी भी ठेकेदार को इस बारे में कुछ नहीं कहते हैं. अधिकारी की मदद से ही ठेकेदार अपने कर्तव्य से मुंह मोड रहे है ऐसा आरोप गांव वालों ने लगाया है. इस मामले की जांच कर संबंधित सफाई ठेकेदार व अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही है.