नागपुर।(नामेस)।
राज्य में कोयले की कमी के चलते बिजली उत्पादन कम हो गया है और उपभोक्ता खुले बाजार से अत्यधिक दरों पर बिजली खरीदकर अपनी मांग को पूरा कर रहे हैं. राज्य के ऊर्जा मंत्री और नागपुर जिले के पालकमंत्री डॉ.नितिन राउत ने कहा कि राज्य में कहीं भी लोड शेडिंग नहीं की जा रही है और बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए उचित योजना बनाई जा रही है. वे राज्य में कोयले और बिजली उत्पादन में कमी के मुद्दे पर मंत्रालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
राज्य में मांग की तुलना में 3 हज़ार मेगावाट की कमी का सामना कर रहा है. बिजली की इस कमी को पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. वे राज्य के ताप विद्युत संयंत्रों को कोयले की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पिछले दो महीनों से केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह के साथ नियमित रूप से संपर्क कर रहे है.
गैर ज़रुरत के उपकरण न चलाने का आवाहन:
डॉ.नितिन राउत ने कहा कि वर्तमान समय में बिजली को देखते हुए अपने घरों में बिजली के उपकरणों के उपयोग को कम करके बिजली की बचत करके महावितरण के साथ सहयोग करें. महावितरण की कुल स्थापित क्षमता 13,186 मेगावाट है. इसके अलावा महावितरण अन्य कंपनियों से भी बिजली खरीदती है. चार यूनिट कोयले की कमी के कारण बंद हो गई हैं और तीन यूनिट मरम्मत के चलते बंद हैं.
बिजली उत्पादन क्षमता में पड़ा विपरीत असर:
राज्य के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस मांग को पूरा करने के लिए 18 लाख मीट्रिक टन कोयला भंडार का इस्तेमाल करना पड़ा. कोल इंडिया की दैनिक कोयला वहन क्षमता 4 मिलियन मीट्रिक टन है. हालांकि बारिश के कारण यह घटकर 22 लाख मीट्रिक टन रह गया था. यह अब 27 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है. इसलिए, हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि कोल इंडिया अपनी वहन क्षमता के अनुसार कोयले की आपूर्ति करे. कोल इंडिया से कोयला भी अपेक्षित गुणवत्ता का नहीं मिल रहा है.