खापरखेड़ा।
खापरखेड़ा स्थित बिजलीघर में कई सालों से करीबन ढाई हजार ठेका कामगार काम कर रहे हैं। हाल ही में दशहरा दीपावली त्यौहार समय ठेकेदारी कामगारों का वेतन लेटलतिफी होने से ठेकेदारी कामगारों में चिंता व्याप्त हुई। बिजली घर प्रशासन के पास फंड नहीं रहने का कारण सामने आने की चर्चा हो रही। जिससे इस माह का वेतन विलंब से होने की बात कही जा रही। संबंधित प्रशासन के पास फंड नहीं रहने से कुछ कुछ ठेकेदारों के देयक बिल पिछले दो-तीन महीने से थकीत बताए जा रहे हैं। ठेकेदारों के थकित बिल की वजह से इस बार वेतन विलंब से होने की आशंका जताई जा रही। एक ओर देखा जाए तो बिजली घर कर्मचारियों के वेतन के लिए प्रशासन के पास फंड है। नियमित बिजली घर कर्मचारियों के पेमेंट भी हो चुका। बिजली घर में निर्मिती के लिए ठेका कामगारों की महत्व की भूमिका रहती। बिजली घर के अन्य विभागों में कुछ कुछ पॉइंट ठेका कामगारों के भरोसे पर चलते हैं। इतना जोखिम का काम करते हुए भी सण त्योहार के समय वेतन समय पर नहीं मिलने से परेशानी हो रही। बताया जा रहा है कि ठेका कामगारों ने विविध बैंकों से, सोसाइटी से अन्य प्रतिष्ठानों से कर्जा लेकर गाड़ी, घर, प्लाट अन्य वस्तु खरीदी की गई। जिसकी परतफेड़ करने की मासिक किस्तें वेतन के भरोसे पर होती है। इस बार 10 तारीख के अंदर पेमेंट नहीं होने से चेक बाउंस होकर पेनल्टी भरने का समय आया । इतना ही नहीं तो कई कर्ज लेने वाले ठेका कामगारों का सिविल भी खराब हो रहा । जिसे आगे कर्ज लेने के लिए कठिनाई बताई जा रही। हजारों ठेका कामगारों का उदरनिर्वाह मासिक पेमेंट के भरोसे पर निर्भर रहता है। कुछ कुछ ठेकेदार 10 तारीख के अंदर ठेका कामगारों के पेमेंट समय पर नहीं करने से घर किराया, बच्चों के पढ़ाई का खर्च व अन्य खर्च कर्जा लेकर किया जाता। पेमेंट होने के बाद कर्ज पर ब्याज देना पड़ता। त्यौहार के समय ठेका कामगारों का पेमेंट दो-चार दिन के अंदर नहीं हुआ तो ठेका कामगारों ने आंदोलन की चेतावनी दी।
ठेकेदार संघटन के महासचिव दिवाकर घेर ने बताया कि, ठेकेदार संघटन के महासचिव दिवाकर घेर से भ्रमणध्वनी द्वारा वार्तालाप करने पर बताया गया की नियमानुसार ठेकेदारों का देय बिल 45 दिनों के कालावधी में होना जरूरी है। लेकिन बिजली घर प्रशासन पर दो-तीन महीने का देय बिल बकाया है। अगर बिजली घर प्रशासन ने दो तीन दिन में बील का भुगतान किया तो दशहरे के पहले ठेकेदारी कामगारों का पेमेंट हो सकता अन्यथा ठेकेदारों के बिल समय पर नहीं मिला तो इस बार ठेका कामगारों का पेमेंट लेट होने की बात कही गई।