-ज़रूरी सेवाएं खुली रहेंगी, किसानों को न्याय देने की मांग
-भाजपा ने विरोध जताया, व्यापारियों से कहा – दुकानें बंद न करें
मुंबई। (नामेस एवं एजेंसी)।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरीं हिंसा की आंच दूसरे राज्यों तक भी पहुंच रही है। राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने किसानों के मारे जाने के विरोध में कल 11 अक्तूूबर को पूरे राज्य में बंद की घोषणा की है। एनसीपी नेता और सरकार के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि हिंसा में मारे गए किसानों को जल्द से जल्द यूपी सरकार न्याय दिलाए, इसलिए हमने एक दिन के बंद का ऐलान किया है।
हालांकि बीजेपी इस बंद का खुलकर विरोध कर रही है. बीजेपी ने अब किसानों और व्यापारियों से इस बंद में शामिल नहीं होने की अपील की है.
‘महाराष्ट्र बंद’ का पुणे के बाद अब मुंबई-ठाणे के व्यापारियों ने भी विरोध किया है. व्यापारियों ने तय किया है कि सोमवार को वे दुकानें खुली रखेंगे. मुंबई व्यापारी संघ की ओर से वीरेन शाह ने कहा है कि, ‘वे किसानों के दु:ख-दर्द को समझते हैं, उनका समर्थन करते हैं, उनसे सहानुभूति रखते हैं. लेकिन इस बंद में व्यापारियों को ना घसीटा जाए.’ नागपुर और औरंगाबाद के व्यापारी संघ ने भी दुकानें खोलने का ऐलान किया है. राज ठाकरे की पार्टी मनसे के सिने विंग के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने भी बंद का विरोध करते हुए कहा है कि, ‘राजनीतिक दलों की शुरू रहने दो राजनीति, लेकिन फिल्मों की शूटिंग बंद नहीं रहेगी.’ उनका कहना है कि हम किसानों का समर्थन करते हैं लेकिन शूटिंग बंद रखने का आर्थिक बोझ उठाना अब फिल्म उद्योग के कर्मचारियों के लिए असहनीय है.
मुंबई डबेवाला एसोसिएशन का समर्थन
मुंबई डबेवाला एसोसिएशन ने बंद को समर्थन घोषित किया है. रविवार की रात 12 बजे से ही बंद प्रारंभ हो जाएगा.
सब्जियों की सप्लाई प्रभावित होगी, आवश्यक सेवाएं खुली होंगी
मुंबई-ठाणे और आस-पास के लोगों के लिए एक अहम खबर यह है कि नवी मुंबई का एपीएमसी मार्केट सोमवार को बंद रहेगा. मुंबई और आस-पास में सब्जियां यहीं से सप्लाई होती हैं. पुणे बाजार समिति भी बंद में शामिल रहेगी. इसी तरह सोलापुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति भी बंद में शामिल रहेगी. इसलिए सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित होना तय है.
जरूरी सेवाएं खुली रहेंगी
लेकिन राज्य भर में अस्पताल, दवाइयों की दुकानेंं जैसी जरूरी सेवाओं को बंद से अलग रखा गया है. बंद का समर्थन करने वाली पार्टियां ही सरकार चला रही हैं. इसलिए इन पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह स्पष्ट किया है कि ‘महाराष्ट्र बंद’ राज्य सरकार की ओर से नहीं किया जा रहा है, महाराष्ट्र सरकार में शामिल पार्टियों के स्तर पर बंद का आह्वान किया जा रहा है. इन पार्टियों ने जनता से बंद को सफल बनाने की अपील की है.
एनसीपी, शिवसेना द्वारा बंद को सफल बनाने की अपील, कांग्रेस भी रखेगी मौन व्रत
यूपी में हुए लखीमपुर हिंसा के विरोध में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बंद को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाने का आह्वान किया है. एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के इस्तीफे की मांग की है. शिवसेना और एनसीपी ने भी पूरी ताकत से बंद को सफल बनाने का ऐलान किया है. कांग्रेस से अशोक चव्हाण और शिवसेना से आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं से बंद को सफल बनाने की अपील की है.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने राजभवन के सामने मूक रहकर आंदोलन करने की कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से अपील की है. कांग्रेस ने दोपहर 12 बजे से राजभवन के सामने मौन रहकर आंदोलन करेगी.
‘किसानों के समर्थन में काले फीते की पट्टियां लगाएंगे, लेकिन दुकानें भी चलाएंगे’
पुणे जिला रिटेल संघ के अध्यक्ष सचिन निवंगुणे ने ऐलान किया कि, ‘कोरोना की वजह से चरमराई आर्थिक स्थिति अभी संभलनी शुरू ही हुई है. ऐसे में दुकानें बंद रखने की स्थिति में हम नहीं हैं. किसानों के समर्थन के लिए हम इतना जरूर करेंगे कि काले फीते की पट्टी लगाएंगे, लेकिन दुकानें भी चलाएंगे. नागपुर और औरंगाबाद के व्यापारियों ने भी घोषणा कर दी है कि वे पर्व-त्योहारों के वक्त दुकानें बंद करने का समर्थन नहीं कर सकते. इसलिए नागपुर और औरंगाबाद में भी व्यापारी दुकानें खोलने पर अड़े हुए हैं.
बुधवार को कैबिनेट ने पारित किया था प्रस्ताव
इससे पहले, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत को लेकर दुख प्रकट करते हुए बुधवार को एक प्रस्ताव पारित किया। मंत्रियों ने किसानों के सम्मान में कुछ देर मौन खड़े होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और मौतों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात और उद्योग मंत्री एवं शिवसेना के नेता सुभाष देसाई ने समर्थन दिया। मंत्रिपरिषद में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के सदस्य शामिल हैं।
तीनों दल होंगे शामिल
इसी बंद को ध्यान में रखते हुए महाविकास आघाड़ी की ओर से 9 अक्तूबर को एक पत्रकार परिषद का आयोजन किया गया. शिवसेना सांसद संजय राउत ने स्पष्ट किया कि इस बंद में शिवसेना पूरी ताकत से उतरेगी और यह बंद 100 फीसदी सफल होगा. इस पत्रकार परिषद में एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक और कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत भी उपस्थित रहे.
किसान अकेले नहीं हैं : राउत
संजय राउत ने कहा, किसान अकेले नहीं हैं. हम उनके पीछे खड़े हैं. यह एहसास दिलाने के लिए महाविकास आघाड़ी ने 11 अक्तूबर को ‘महाराष्ट्र बंद’ का आह्वान किया है. इस बंद में महाविकास आघाड़ी से जुड़ी तीनों पार्टियां शामिल होंगी. शरद पवार ने भी कहा है कि बंद में सभी शामिल होकर देश और किसानों को यह एहसास कराएं कि हम उनके साथ हैं.