स्टॉकहोम। (एजेंसी)।
साल 2021 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार उपन्यासकार अब्दुलराजक गुरनाह को दिया गया है। स्वीडिस एकेडमी ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि अब्दुलराजक गुरनाह ने अपनी लेखनी के जरिए उपनिवेशवाद के प्रभावों, संस्कृतियों को लेकर काफी कुछ लिखा है। उन्होंने शरणार्थियों के भाग्य का निर्धारण करने के लिए अपनी अडिग और करुणामय लेखनी के माध्यम से दुनिया के दिलों में प्रेम पैदा किया है।
शरणार्थी के रूप में आए थे इंग्लैंड
साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुलराजाक गुरनाह ने 10 उपन्यास और कई लघु कथाएं प्रकाशित की हैं। उनकी लेखनी में शरणार्थी की समस्याएं प्रधान रही हैं। उन्होंने अंग्रेजी में 21 वर्ष की उम्र से लिखना शुरू किया, हालांकि शुरूआत में उनकी लिखने की भाषा स्वाहिली थी। बाद में उन्होंने अंग्रेजी को अपनी लेखनी का माध्यम बना लिया। अब्दुलराजाक गुरनाह का जन्म 1948 में हुआ था। वे जांजीबार द्वीप पर पले-बढ़े लेकिन 1960 के दशक के अंत में एक शरणार्थी के रूप में इंग्लैंड पहुंचे। रिटायरमेंट के पहले तक वे केंट विश्वविद्यालय, कैंटरबरी में अंग्रेजी और उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के प्रोफेसर थे।