नई दिल्ली:
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वो एक ऐसा कानून लाने की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत वाहनों के हॉर्न के रूप में केवल भारतीय वाद्य यंत्रों की आवाज का इस्तेमाल किया जा सके. नासिक में एक राजमार्ग के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि वो एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियों की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का भी अध्ययन कर रहे हैं और उन्हें आकाशवाणी पर बजाए जाने वाली अधिक कर्णप्रिय धुन में बदलने पर विचार कर रहे हैं.
गडकरी ने कहा कि उन्होंने लाल बत्ती खत्म कर दी है. उन्होंने कहा कि अब मैं इन सायरन को भी खत्म करना चाहता हूं. अब मैं एंबुलेंस और पुलिस की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का अध्ययन कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि एक कलाकार ने आकाशवाणी के लिए एक धुन बनाई और इसे सुबह-सुबह बजाया गया. मैं उस धुन को एंबुलेंस के लिए इस्तेमाल करने की सोच रहा हूं ताकि लोगों को अच्छा लगे. खासकर मंत्रियों के गुजरते समय सायरन का इस्तेमाल जोरदार आवाज में किया जाता है, जो बहुत परेशान करने वाला होता है. इससे कानों को भी नुकसान पहुंचता है.
गडकरी ने कहा कि मैं इसका अध्ययन कर रहा हूं और जल्द ही एक कानून बनाने की योजना बना रहा हूं कि सभी वाहनों के हॉर्न से भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज आए ताकि उन्हें सुनना कर्णप्रिय रहे, जैसे बांसुरी, तबला, वायलिन, हारमोनियम. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपए की लागत वाला नया मुंबई-दिल्ली राजमार्ग पहले से ही निर्माणाधीन है, लेकिन ये भिवंडी से होते हुए जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट-मुंबई की परिधि तक पहुंचता है.
मुंबई-पुणे हाईवे पर हादसों में 50 फीसदी की आई कमी
गडकरी ने कहा कि मुंबई-पुणे हाइवे पर हादसों में 50 फीसदी की कमी आई है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने दुर्घटनाओं और मौतों में 50 फीसदी की कमी की है, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसी सफलता हासिल नहीं की जा सकी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में दुर्घटनाओं के कारण मरने वालों की दर बहुत अधिक है. गडकरी ने ये भी कहा कि उन्होंने वाहनों के लिए छह एयरबैग अनिवार्य कर दिए हैं.