हिम्मत हैं तो कांग्रेस सत्ता से बाहर निकलें – बावनकुले

 

भंडारा।

ओबीसी आरक्षण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में रहते हुये राज्य सरकार के महा अधिवक्ता, एड. कुंभकोनी राज्य सरकार का बचाव करने में विफल रहे, नाना पटोले ने स्पष्ट किया कि ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण रद्द होने के कगार पर है, क्योंकि राज्य सरकार ने ओबीसी के इम्पेरीकाल डेटा को अदालत में प्रस्तुत नहीं किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नानाभाऊ पटोले भंडारा जिले से हैं और एक किसान और ओबीसी नेता हैं। उन्हें महागठबंधन सरकार से बाहर निकलने का साहस दिखाना चाहिए। युवा योद्धा-वारीअर कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर शहर में मौजूद भाजपा के पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को आव्हान किया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) युवा योद्धाओं-वॉरीअर के कार्यालय का उद्घाटन करने वे भंडारा आये थे।युवाओं को उच्च शिक्षा, रोजगार और नौकरियों की जानकारी देने के लिए यूथ वारियर्स एसोसिएशन का गठन किया गया था। इस सिलसिले में पूर्व संरक्षक मंत्री एवं ऊर्जा मंत्री जिले में पहुंचे थे। कार्यालय के उद्घाटन से पहले पत्रकारों से बात करते हुए, महागठबंधन सरकार सभी स्तरों पर विफल रही है और ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को बनाए रखने में सक्षम नहीं है। कांग्रेस महागठबंधन के घटक दल के रूप में भी सत्ता में है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी समुदाय से हैं, और एक किसान नेता हैं। और सकोली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन ओबीसी आरक्षण को बचाने में उनका योगदान नगण्य था, चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा। सत्ता में आए तो 3 महीने में ओबीसी आरक्षण की समस्या का समाधान कर देंगे। उन्होंने यह भी कहा। इस दौरान विधायक डॉ. विधायक परिनय फुके, भाजपा जिलाध्यक्ष शिवराम गिरहेपुंजे, भाजपा जिलाध्यक्ष तिलक वैद्य, हेमंत बंदेबुचे, शिव मुंघटे, उमेश मोहतुरे, दिवाकर माने, नगर अध्यक्ष संजय कुंभलकर, देवेश नवखरे, नितिन कधव, विजय सिंगंजुडे, सूर्यकांत इलमे, बबलू अतिलकर आदि उपस्थित थे।

इस संबंध में मोहन पंचभाई, जिलाध्यक्ष कांग्रेस, से बात की तो उन्होंने कहा कि, देश में ओबीसी का शाही डेटा एकत्र करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। केंद्र में भाजपा की सरकार है और राज्य ने बार-बार इम्पेरीकाल डेटा की मांग की है, लेकीन केंद्र सरकार डाटा नाही डे रही इस कारणवश राज्य सरकार ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत नहीं कर सकी क्योंकि केंद्र सरकार ने इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय जनता पार्टी ही ओबीसी आरक्षण के खिलाफ है। यदि 2011 के जनगणना के कच्चा मसुदा, आंकड़े उपलब्ध हो जाते हैं तो ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को स्थिरता मिलेगी आरक्षण टिका रहेगा और स्थानीय निकाय के चुनाव सुचारू रूप से कराए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *