हिंदी विवि में राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति पर कार्यशाला का उद्घाटन

वर्धा।

महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा है कि राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति बोध कौर कौशल से संपन्न व्‍यक्ति के निर्माण की प्रक्रिया है। इसके क्रियान्वयन के लिए शिक्षा संस्‍थाओं पर अधिक जिम्‍मेदारी है।प्रो. शुक्‍ल शनिवार, 23 अक्‍टूबर को राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति : 2020 क्रियान्‍वयन में शिक्षण संस्‍थानों की भूमिका विषय पर आयोजित राष्‍ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्‍यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे। विश्‍वविद्यालय का शिक्षा विद्यापीठ एवं भारतीय शिक्षण मंडल-विदर्भ प्रांत के संयुक्‍त तत्‍वावधान में 23 और 24 अक्‍टूबर को कस्‍तूरबा सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया।प्रो. शुक्‍ल ने कहा कि राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति में समग्र परिवर्तन का लक्ष्‍य रखा गया है। यह नीति शिक्षक औरउ शिक्षार्थी केंद्रित है और सभी घटकों को ध्‍वनित करती है। उन्‍होंने कहा कि शिक्षण संस्‍थाएं मनुष्‍य निर्माण के केंद्र है और मनुष्‍य बनाने का यत्‍न शिक्षा संस्‍थानों को निरंतर करते रहना चाहिए। इस नीति के प्रारूप पर देशभर में चर्चा की गयी। इस दृष्टि से पूरा राष्‍ट्र इस नीति से जुड़ा हुआ है। मूल्‍यों से समन्वित मनुष्‍य बनाने के लिए यह नीति कारगर साबित होगी। उन्‍होंने कहा कि इसके क्रियान्‍वयन के लिए शिक्षक और विद्यार्थी पर अहम जिम्‍मेदारी है। कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय राष्‍ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्‍ट्रीय सह-संगठन 7 क्रियान्‍वयन में अकादमिक नेतृत्‍वकर्ता के रूप में शिक्षकों पर अधिक जिम्‍मेदारी है। हमारे विश्‍वविद्यालय ज्ञान सम्‍पदा से परिपूर्ण हैं इस दिशा में विश्‍वविद्यालयों को नीति के क्रियान्‍वयन पर अधिक काम करना होगा। भारतीय शिक्षण मंडल, विदर्भ प्रांत के प्रांत मंत्री डॉ. नारायण मेहरे ने कार्यक्रम की प्रस्‍तावना रखी। शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्‍वयन के लिए सभी शिक्षण संस्थाओं तक पहुंचना हमारी जिम्‍मेदारी है। उन्‍होंने कहा कि शिक्षा नीति को लागू गरने में शिक्षण मंडल की महत्‍वपूर्ण भूमिका रही है। हमें पूरी क्षमता के साथ इसके क्रियान्‍वयन के लिए काम करना होगा। स्‍वागत वक्‍तव्‍य शिक्षा विभाग के अध्‍यक्ष प्रो. गोपाल कृष्‍ण ठाकुर द्वारा किया गया।कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्‍ज्‍वलन और डॉ. जगदीश नारायण तिवारी द्वारा मंगलाचरण से किया गया। भारतीय शिक्षण मंडल के प्रांत सह सचिव सचिन जोशी ने ध्‍येय श्‍लोक प्रस्‍तुत किया। कार्यक्रम का संचालन महात्‍मा गांधी फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्‍ययन केंद्र के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. के. बालराजु ने किया तथा धन्‍यवाद विदर्भ प्रांत के युवा आयाम प्रमुख अंकित कलकोटवार ने ज्ञापित किया। राष्‍ट्रगीत के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर विश्‍वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट, गोंडवाना विश्‍वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. श्रीराम कावले, प्रो. मनोज कुमार, प्रो. नृपेंद्र प्रसाद मोदी, प्रो. हरीश अरोड़ा, सत्‍यवान मेश्राम, निर्मल कुमार सहित अध्‍यापक और भारतीय शिक्षण मंडल के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र के बाद नई शिक्षा नीति : चुनौतियां एवं अवसर विषय संत गाडगे बाबा अमरावती विश्‍वविद्यालय के कुलपति डॉ. दिलीप मालखेडे ने तथा भारतीय शिक्षण मंडल परिचय सत्र में विभिन्‍न वक्‍ताओं ने विचार रखे।

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