हिंगणघाटक वासीयोका पक्षी निरीक्षण

शहर के निसर्गसाथी फाऊंडेशन और महाराष्ट्र पक्षीमित्र संघटना के संयुक्त विद्यमान से पंछी सप्ताह निमित्त पंछी निरीक्षण का आयोजन पोथरा धरण यहा आयोजित किया गया। जिसमे शहर के पंछी प्रेमी और छात्राओं ने सहभाग लिया।
पंछी तज्ञ पद्मभूषण डॉक्टर सलीम अली और सेवानिवृत्त वनाधिकारी तथा पक्षी अभ्यासक मारुती चित्तमपल्ली के जन्मदिन के औचित्य साधकर पंछी सप्ताह आयोजन किया गया। 5 नवंबर ये अरण्यऋषी मारुती चितमपल्ली का जन्म दिन तो 12 नवंबर डॉ सलीम अली की जयंती पंछी अभ्यास , संवर्धन, संगोपन, जनजागृती साहित्य निर्मित इन दोनो विभूतीं यो का योगदान ध्यान में लेके इनका जन्म दिन का बीच कालावधी ये संपूर्ण महाराष्ट्र में पक्षी सप्ताह करके मनाया जाता है। दोनो पंछी सप्ताह मनाने वाले महाराष्ट्र ये देश का एकमेव राज्य है। हिंगणघाट तालुका में प्रतिवर्ष पक्षी सप्ताह मनाया जाता है। इस वर्ष महाराष्ट्र पंछीमित्र के साथ संयुक्त रूप से पंछी निरीक्षण कार्यक्रम पोथरा धरण यहां आयोजित किया गया। पंछी निरीक्षण में 34 पंछियों की नोंद की गई। जिसमें
कैकर, मोर शराटी, लाल मुनिया, पिवळा धोबी, छोटा कंठेरी चिखल्या, पांढरा धोबी, धान तिरचीमनी, तुरेवाला चंडोल, छोटा अर्ली, रंगीत करकोचा, काली शराटी, कोतवाल, तारवाली भिंगरी, माळ भिंगरी, रेषाल भिंगरी, छोटा पानकावला, मध्यम पानकावला, पिवळा धोबी, करडा धोबी, पांढरा धोबी, वेडा राघू, केंटिश चिखल्या, छोटा बगला, उघड्या चोचीचा करकोचा, शेकाट्या, टिटवी, दलदली भोवत्या, जांभला शिंजिर, राखी वटवट्या, साधा वटवट्या, रेशाल वटवट्या, पीली आंखों का सातभाई, दयाल, लंबी पूछ खाटीक आदि पंछियोका समावेश था।
कार्यक्रम के आखिर में जागतिक कीर्ती के पक्षी तज्ञ इनके जीवन कार्यपर रोशनी डाली गई।
इस प्रसंग पर प्रा डॉ बालाजी राजूरकर, प्रा.जितेंद्र केदार, प्रा. अभिजित डाखोरे, प्रभाकर कोलसे ने विचार रखे। पंछी निरीक्षक के तौर पर प्रविण कडू ने मार्गदर्शन किया। आभार कु.अंजोर कडू ने किया। पंछी निरीक्षण में मनोज गायधने, योगेश्वर कलोडे, राजश्री विरुळकर, मानकर, प्रा सुलभा कडु, प्रांजली डाखोरे ,चैतन्य वावधने, सावरकर आदि की उपस्थिती थी।

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