भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमीदिया हादसे की उच्चस्तरीय जांच होगी. उस समय फायर आग बुझाने वाले हाईड्रेंट और फायर एक्सटिंग्विशर काम कर रहे थे या नहीं, इसकी जांच की जाएगी. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.हमीदिया कैम्पस में कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल है. इसमें ही सोमवार रात करीब 9 बजे आग लगी थी. अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बच्चा वार्ड के एसएनसीयू में 40 बच्चे भर्ती थे, जहां आग से सबसे अधिक नुकसान हुआ है. सूत्रों का कहना है कि हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर ने आग पकड़ ली. सूत्रों का कहना है कि पोस्टमार्टम के लिए 7 बच्चों के शव लाए गए हैं. हालांकि, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चार बच्चों की मौत हुई है. एक दर्जन से अधिक नवजात झुलस गए हैं. इनमें से कुछ की हालत गंभीर है.मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे से यह साफ हो गया है कि फायर सेफ्टी का ऑडिट बेहद जरूरी है. सरकारी ही नहीं बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में भी फायर सेफ्टी को लेकर सख्ती बरती जाएगी.
36 बच्चों का चल रहा इलाज
इससे पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मंगलवार सुबह अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने दावा किया था कि 36 बच्चों का इलाज चल रहा है. उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि 4-4 परिजनों को अंदर जाकर बच्चों से मिलने की अनुमति दी जा रही है.