स्वास्थ्य योजनाओं की चर्चा पर जोर

 नागपुर।(नामेस)। नागपुर जिला नियोजन समिति की बैठक गुरुवार को पालकमंत्री डॉ.नितिन राऊत की अध्यक्षता में डॉ.वसंतराव देशपांडे सभागार में आयोजित की गई. बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई. खासकर कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य योजनाओं की चर्चा पर जोर दिया गया. कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के संबंध में अलग-अलग वार्ड तैयार किए जाएंगे. पालकमंत्री डॉ.नितिन राऊत ने लोगों से कोविड नियमों का पालन करने का आह्वान किया, वहीं 31 दिसंबर और नए साल के आगमन के चलते शहर में सख्त पाबंदियां लगाई जाने की जानकारी भी पालकमंत्री डॉ.नितिन राउत ने दी. साथ ही उन्होंने बताया कि, विधायक निधि से विभिन्न विकास कार्य करने के लिए राशि जल्द उपलब्ध की जाएगी. 31 मार्च तक यह निधि विकास कार्यो पर खर्च करना अनिवार्य होगा. इसकी ज़िम्मेदारी लेने की सूचना अधिकारियों को दी गई है, ताकि बजट सत्र में नई निधि की मांग की जा सके. बैठक में वर्ष 2020-21 के अंत में मार्च 2021 माह तक हुए व्यय पर विस्तार से चर्चा की गई. नागपुर जिले की वार्षिक योजना, वर्ष 2020-21 के तहत सामान्य योजना, अनुसूचित जाति योजना और आदिवासी घटक कार्यक्रम के लिए कुल स्वीकृत व्यय 56984.70 लाख रुपए है. अब तक कुल मिलाकर 56984.70 लाख रुपए की स्वीकृत धनराशि प्राप्त की जा चुकी है. मार्च, 2021 के अंत तक 56739.44 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं। प्राप्त धन राशि का 99.59 प्रतिशत व्यय हुआ है. सभा में वर्ष 2022-23 की प्रारूप योजना पर विस्तार से चर्चा कर स्वीकृति प्रदान की गई. जिला वार्षिक योजना (सामान्य) से 75000.00 लाख रुपए राशि के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं. सरकार से 46247.80 लाख रुपए की अतिरिक्त मांग की गई है. सामान्य जिला वार्षिक योजना के तहत सरकार से योजनाओं के संबंध में निर्देश प्राप्त हो गए हैं, इसलिए महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए ग्रामीण गांवों के विस्तार की योजना को स्थगित कर दिया गया है और जिला स्तर पर वर्तमान में चल रही योजनाओं को कुछ हद तक स्थगित करते हुए, वर्ष 2022-23 के तहत कुछ अतिरिक्त कार्यों के लिए 3 फीसदी फंड उपलब्ध कराकर इस योजना को लागू किया जाएगा.

‘अम्ब्रेला योजना’ पर भी होगा अमल
जन स्वास्थ्य विभाग की अम्ब्रेला योजना 2022-23 तक अमल में लाई जाएगी. अग्नि सुरक्षा प्रणाली की खरीदारी के साथ-साथ रखरखाव, मरम्मत, अस्पताल भवनों के पीछे खर्च की गई राशि का भी जायज़ा लिया गया. कनेक्शन, स्ट्रक्चरल ऑडिट के साथ-साथ इलेक्ट्रिकल ऑडिट करना, बैरल का निर्माण, एंबुलेंस की खरीदी का भी विश्लेषण किया गया.

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