‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ बनकर तैयार

हैदराबाद: 5 फरवरी का दिन हैदराबाद के लिए काफी खास साबित होना वाला है, क्‍योंकि इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे. यह प्रतिमा हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में 45 एकड़ के परिसर में स्थित है. इस प्रति‍मा को वैष्णव संत रामानुजाचार्य स्वामी की याद में बनाया गया है. इसको ‘स्‍टैचू ऑफ इक्‍वलिटी’ नाम दिया गया है. प्रत‍िमा में 1800 टन से अधिक पंच लोहा का इस्‍तेमाल किया गया है, जबकि पत्‍थर के खंभों को राजस्‍थान में विशेष रूप से तराशा गया है. भारत में पहली बार समानता की बात करने वाले रामानुजाचार्य स्वामी के जन्म को 1000 साल पूरे हो चुके हैं. इस उपलक्ष्‍य में हैदराबाद में रामानुजाचार्य का एक भव्य मंदिर भी बनाया जा रहा है. समाज में उनके योगदान को आज तक वो स्थान नहीं मिल पाया, जिसके वो अधिकारी थे. इस मंदिर के जरिए उनकी समाज के निर्माण में रचनात्मक योगदान को दिखाया जाएगा. मंदिर की कुल लागत 1000 करोड़ से ज्यादा है. मंदिर की खासियत यह है कि यहां रामानुजाचार्य की दो मूर्तियां होंगी और दोनों ही खास होंगी. 216 फीट ऊंची मूर्ति सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ते की बनी हुई है. दूसरी प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में रखी जाएगी, जो संत के 120 सालों की यात्रा की याद में 120 किलो सोने से बनाई गई है. खास बात यह है कि इस अंदरुनी कमरे का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 13 फरवरी को करेंगे.

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