नागपुर. मनपा में हुए स्टेशनरी घोटाले में उस समय अजीबोगरीब मोड़ आ गया जब आर्थिक अपराध विभाग ने पूरा मामला उजागर करने वाले स्टोर कीपर प्रभारी प्रशांत भातकुलकर को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि स्टेशनरी घोटाले में स्वास्थ्य विभाग के वैद्यकीय अधिकारी डॉ.संजय चिलकर ने सदर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें उन्होंने बताया था कि स्टोर कीपर प्रभारी प्रशांत भातकुलकर ने ही स्टेशनरी सप्लाई में कुछ धांधली होने की जानकारी दी थी. चिलकर द्वारा भले ही भातकुलकर द्वारा धांधली उजागर किए जाने का हवाला दिया जा रहा हो लेकिन अब सत्यता कुछ अलग ही होने की संभावना जताई जा रही है. सदर पुलिस द्वारा ईओडब्ल्यू को जांच हस्तांतरित होने के बाद यह पहली गिरफ्तारी है जिससे अब निकट भविष्य में कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. सूत्रों के अनुसार मामले की जांच करते हुए सदर पुलिस ने स्टोर के कम्प्यूटर से हार्ड डिस्क और संबंधित कर्मचारियों के मोबाइल आदि की जब्ती की थी. जांच स्थानांतरित होने के बाद सबूत ईओडब्ल्यू को दिए गए थे. माना जा रहा है कि इन्हीं सबूतों को खंगालने के बाद पुलिस की ओर से अब आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है जिसमें पहला शिकार भातकुलकर के रूप में हुआ है. बताया जाता है कि मंगलवार को ईओडब्ल्यू ने भातकुलकर को पूछताछ के लिए बुलाया था. काफी समय तक पूछताछ जारी रही. पूछताछ में उसके जवाब संतोषजनक नहीं होने तथा वास्तविकता के परे पाए जाने पर पुलिस ने उसे बुधवार को गिरफ्तार कर लिया.
अब फॉरेंसिक जांच इंतजार
पुलिस ने घोटाले से संबंधित कई दस्तावेजी सबूत भी जब्त किए थे. मनपा के सामान्य प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त महेश धामेचा का मानना था कि उनकी आईडी का दुरुपयोग कर ई-गवर्नेन्स किया गया. यहां तक कि कुछ फाइलों पर डॉ.चिलकर के बोगस हस्ताक्षर किए जाने की जानकारी भी मनपा की ओर से उजागर की गई थी. इन दस्तावेजों को बोगस हस्ताक्षरों की जांच के लिए फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. जांच की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. इसमें कई अहम खुलासे होने की भी संभावना जताई जा रही है.