नागपुर। (नामेस)। गुमनाम खत के आधार पर सामने आए सेरोगेसी मामले में पुलिस द्वारा शुरू की गई जांच में एक प्राध्यापक दंपत्ति पुलिस के रडार पर है। इस मामले में नवजात शिशु को बेचने के आरोप में शिशु की मां को क्राइम ब्रांच पुलिस पुणे से गिरफ्तार कर नागपुर लाई है। उसे न्यायालय में पेश कर 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। गुमनाम खत के आधार पर यह मामला सामने आया था, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ वाठोड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया था। इस प्रकरण में उक्त महिला सहित अब तक 4 लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इस प्रकरण में महिला डॉक्टर सहित महिला दलाल को जल्द ही गिरफ्तार करने की जानकारी सूत्रों ने दी है। सूत्रों के अनुसार डॉक्टर विलास दामोदर भोयर (38) पौनीदौड़ा मौदा निवासी इस गिरोह का सूत्रधार है। डॉ. विलास शहर के कई डॉक्टरों के संपर्क में था। वह सरकारी अस्पताल में गर्भपात के लिए आने वाली युवतियों और महिलाओं को लाखों रुपए कमाने का लालच देकर नवजात शिशु बेचने के लिए तैयार करता था। इस गिरोह में राहुल उर्फ मोरेश्वर दाजीबा निमजे और नरेश उर्फ ज्ञानेश्वर राउत शांतिनगर निवासी भी शामिल है। मोरेश्वर पूर्व में देह व्यापार में पकड़ा जा चुका है। उसने भी दो युवतियों को गर्भवती होने के लिए मजबूर कर नवजात को 10,00,000 में बेचने का लालच दिया था। इन तीनों ही आरोपियों को पुलिस इस मामले में पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस को संदेह है कि डॉक्टर भोयर और उसके गिरोह ने शहर में कई नवजात शिशुओं की बिक्री की है। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार उपायुक्त चिन्मय पंडित के मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच इस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
Sunday, November 24, 2024
Offcanvas menu