सुलझी निकीता के आत्महत्या की गुत्थी – बडे पीताजी व बडी माँ के प्रताडना से उठाया आत्मघाती कदम

सावनेर थाना अंतर्गत धापेवाडा निवासी निकीता सुनील डाहट ने 14 जुलाई की शाम अपने घर में गलेमे फंदा लगाकर आत्महत्या कीये जानेसे सभी परिजन सकते आगये थे। की इतनी सुशील तथा सुलझी हुयी लकडी ऐसा कदम कैसे उठा सकती है। यह विचार उसके माता पीता तथा परिजनोको सता रहा था। परिजनोकी माने तो निकीता एक उच्चशिक्षित तथा समजदार लडकी थी। वह अपने बुढे दादाके साथ उनके पैतृक गाव धापेवाडा में रहकर उनकी सेवा के साथ ही अपनी पढाई करती। हालही में उसे धापेवाडा करिब ही रिलायन्स कंपनीमे नौकरी भी लगी थी। पीता तथा बडे भाईयोने उसे ड्युटी आनेजाने हेतू एक दुपहिया वाहन भी खरिद दिया था। जीससे वह ड्युटी आ जा सके सब ठीकठाक चल रहा था की अचानक 14 जुलाई की शाम मिली निकिताके आत्महत्या की खबर ने सभी परिजनो को हताश कर सोचने पर मजबुर कर दिया की ऐसे कैसे हो सकता है। उसी शव के आधारपर निकीताके शव का बारिकीसे पोस्टमार्टेम भी किया गया। लेकीन उसमे भी कुछ विषेश सुराग हात नही लगे। लेकीन परिजनोको शक था की उनकी बेटीके साथ कुछ गलत जरूर हुआँ है। जिसके चलते उन्होने थानेदार मारुती मुलूक से मीलकर घटना की बारिकी से जाँच करने की मांग की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक निकीता को शुरुसे रोज डायरी लिखनेकी आदत थी। जिसमे वो अपने सुख, दुखोःके साथ रोजाना घटित प्रसंगोका लिखान करती थी। आखीर यही डायरी उसके मौत का कारण बनी। कुछ दिनो पहले निकीताबको उसके बडे पीताजी रत्नाकर रामजी डाहट और बडी माँ मंगला रत्नाकर डाहट ने उनके बेटीके आँपरेशन की वजहसे सहायता हेतू बुला ले गये उसी दौरान उसकी बडी माँं ने निकिता की वह डायरी चोरीछीपे पढकर उसे उस डायरीके प्रती प्रताडीत कर अपने उंगलीयो पर नचाने की कोशीश करने लगी। लेकीन डायरी में ऐसे कुछ तो था नही ईस वास्ते निकीता ने भी ईसे गंभीरतासे नही लिया। लेकीन घटनाके पुर्व मृतक निकिता को उक्त डायरी की वजहसे धमकाने तथा उसकी डायरीके कुछ पन्नोकी फोटो मोबाईल में होने और उसे सारे परिवार के सामने लाकर उसे बदनाम करने की बार बार धमकीयोसे निकीताके मनपर विपरीत परिणाम हुआँ और आखीरमे फंदे से झुलकर उसने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। मृतक निकीता के बडे भाई पंकज सुनील डहाट की शिकायत पर रत्नाकर रामजी डहाट तथा मंगला रत्नाकर डहाट सुयोग नगर नागपुर पर सावनेर थाने मे धारा 306, 34 तहत मामला दर्ज कर थानेदार मारुती मुलूक के मार्गदर्शन में एपीआय सतिश पाटील मामले की जाँच कर रहे है।

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