नई दिल्ली। (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब लोक इंसाफ पार्टी के नेता सिमरजीत सिंह बैंस से जुड़े एक मामले में सख्त टिप्पणी की है। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि राज्य ‘पुलिस मशीनरी के दुरुपयोग’ में सहभागी नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महिला के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे पर रोक लगा दी। लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराने वाली महिला के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज कराए जाने पर भी अदालत ने नाराजगी जताई। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ विधायक और विधायक पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला, दोनों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। महिला के खिलाफ दर्ज चार एफआईआर में न्यायिक कार्यवाही पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। साथ ही लोक इंसाफ पार्टी के विधायक को गिरफ्तारी से मिली राहत की अवधि एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने विधायक बैस के खिलाफ कथित बलात्कार मामले की सुनवाई निचली अदालत में ले जाने वाली महिला के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज करने की भी आलोचना की। पीठ ने सवाल किया, ‘आपके राज्य में क्या हो रहा है? महिला के खिलाफ कितने मामले दर्ज किए गए हैं? अब वह अग्रिम जमानत चाहते हैं और महिला को जेल चले जाना चाहिए। आप (राज्य) पुलिस मशीनरी के ऐसे दुरुपयोग में सहभागी नहीं हो सकते हैं।’
Sunday, November 24, 2024
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