कोरोना संक्रमन के चपेट में आकर नागपुर शहर के अस्पतालों में समय पर बेड उपलब्ध नही होने से उपचार नही हो सका ।अस्पताल नही मिलने से समय बीत गया व 10 नवंबर 2020 को पत्रकर सुनील शेट्टी का मृत्यु हुई।शेट्टी इनबीसीएन न्यूज़ चैंनल व नागपुर मेट्रो समाचार पत्र में अधिकृत रूप से कार्यरत थे।उनके परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा मिलने के लिए सोमवार को इनबीसीएन न्युज समूह तथा राष्ट्रीय युवा मराठी पत्रकार संघ ने सामूहिक रूप से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
पत्रकार सुनील शेट्टी के परिवार में कमाने वाले कोई नही है।उनके भरोसे ही पत्नी व दो बच्चो का गुजारा होता था।अब शेट्टी नही रहने से उनके परिवार पर बच्चों की शिक्षा व पेट भरने का सवाल खड़ा हुआ।
सुनील शेट्टी बीते 30 वर्ष से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्यरत थे।पूरे कोरोना काल मे उन्होंने कोरोना की खबरो का कवरेज कर जनजागृती का कार्य किया।खबर करते करते ही उन्हे कोरोना ने घेर लिया व 47 वर्षीय पत्रकार सुनील शेट्टी की मृत्यु हुई।उनके परिवार को मुआवजा मिलने की मांग हो रही है।जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते इनबीसीएन के इमरान शेख,अभिषेक पांन्सी, भास्कर अतकरी,सौरभ पाटील तो
राष्ट्रीय युवा मराठी पत्रकार संघ के प्रमुख संघपाल गडलिंग,विजय खवसे, जिलाध्यक्ष भीमराव लोणारे,गजानन ढाकूलक,सुनील शेट्टी की पत्नी ममता शेट्टी,बेटा अभिषेक शेट्टी उपस्थित थे।