सुको में शिंदे-उद्धव की लड़ाई – साइलेंट मोड पर बीजेपी

राज्य की सियासत इन दिनों गरमाई हुई है. एकनाथ शिंदे सरकार को अस्तित्व में आए अभी एक साल भी नहीं हुआ है, और इसके भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं. एक ओर जहां सबकी नजर शिंदे सरकार के भविष्य पर टिकी है तो वहीं महाविकास अघाड़ी में टूट को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं. टूट की बात इसलिए भी अहम हो गई है, क्योंकि एक दिन पहले ही एनसीपी के दिग्गज नेता शरद पवार ने कहा कि आज हम अघाडी में हैं. आगे अघाडी रहेगी या नहीं, इस पर बोलना ठीक नहीं है.
राज्य में इस समय शिवसेना-बीजेपी की सरकार है. ये शिवसेना उद्धव वाली नहीं, बल्कि एकनाथ शिंदे वाली है. 30 अप्रैल को 10 महीने इस सरकार के पूरे हो रहे हैं. लेकिन, अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि दोनों गठबंधन सहयोगियों के बीच चीजें उतनी तेजी से नहीं चल रही हैं, जैसा कि पार्टी नेता सार्वजनिक कार्यक्रमों में दिखाते हैं. हालांकि, बीजेपी अभी साइलेंट मोड में है.
वहीं, इस गठबंधन में एक और बाधा सामने आ रही है. वह बाधा सुप्रीम कोर्ट में पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की याचिका है. इस याचिका में उद्धव ने शिंदे सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है. इस पर कोर्ट 5 मई को अपना फैसला सुना दे सकता है. उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में सबसे अधिक 48 लोकसभा सीटें हैं. वहीं, यहां पर 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव होता है. यह राज्य का देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है. महाराष्ट्र की राजनीति में हाल के दिनों में कई परिदृश्य उभर कर सामने आए हैं.

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