सीपी के आदेश के बाद बदमाशों की तलाश में जुटी हैं पुलिस

पुलिस आयूक्त अमितेश कुमार के आदेश पर नागपुर शहर पुलिस थाना क्षेत्र के तहत आने वाले सभी हिस्ट्रीशीटर को थाने में बुलाकर सुधारने का क्लास लिया जा रहा है।जिसमे कुछ बदमाश सुधर गए ऐसे को भी बुलाकर उन्हे ताकित दी जा रही है।पुलिस के एक फोन पर थाने में आनेवाले बदमाशो पर धारा 110 लागाई जा रही है।जिसके कारण पुलिस व बदमाशों के संबन्ध में बिघाड आ रही है।जो सुधरे है उन्हे सुधरने का मौका देने की बात नाम न छापने के शर्त पर कही सुधरे लोग बोल रहे है।उन्हे थाने में बुलाकर मामला दर्ज किया तो वह फिर से वही दुनिया मे जाने पर मजबूर होंगे.

गौरतलब है कि वाड़ी पुलिस स्टेशन क्षेत्र में 2001 से 2020 तक मर्डर (302) के 159 आरोपी है।जिसमे 22 बदमाशो की मृत्यु होने की जानकारी मिली। 11 बदमाशो का तो आजतक पताही नही चल पाया क्यो की वह उस पते पर रहते नही।कही बार पुलिसने उन आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया लेकिन पता नही होने से पकड़ नही सके।वाड़ी के 14 बदमाश आज भी जैल में सजा काट रहे है।

अभी जो आदेश मिले उसके अनुसार 3 बदमाशों को जेल भेजा गया।डीसीपी नुरुल हसन ने पिछले सप्ताह वाड़ी के सभी बदमाशों को थाने बुलाकर क्लास लिया।सभी को सुधरजाने की चेतावनी दी।वाड़ी क्षेत्र अब शांत हुआ है।लेकिन अब धारा 110 के तहत पुराने मामले को निकालने से सभी बदमाश घबराएं हुए है।रात बे रात आरोपियों के घर घर जाकर पुलिस पूछताछ कर रही है।रात में घर पर मिलने वाले बदमाश व नही मिलने वाले बदमाशों की जानकारी लेना शुरू है।

जो सुधर गए उन्हे भी पूछताछ कॉम्बिंग के दौरान पुलिस अधिकारी खुद रात में बदमाशों का पता लगाने उनके निवास पर जाते है।वाड़ी में जो सुधर गए उन्हे भी रात बे रात पुलिस जगा रही है।उनके घर पर जाकर पूछताछ कर रहे है।जो सुधरे है उन्हे सुधरने का मौका पुलिस ने देना चाहिए।यदि उन्हे परेशान किया तो फिर से वे गुन्हेगारी के दुनिया मे जा सकते है।

पुलिस व बदमाशों के संबंध बिगड़ेथाना क्षेत्र में पुलिस के व बदमाशों के बीच अच्छे संबन्ध रहते है।इस अच्छे संबन्ध के कारण कुछ बदमाश सुधर गए।पुलिस ने भी सुधारने का मौका दिया।लेकिन अब अचानक हो रही कार्रवाई से बदमाश व पुलिस भी परेशान नजर आ रही है।पुलिस के संबन्ध होने से एक फोन पर बदमाश थाने पहुँचता है लेकिन थाने में आने के बाद उसपर 110 की कार्रवाई कर उसे जैल भेजा जाता है यही कारण है संबन्ध ख़राब होने का।

बॉन्ड लिखकर देने के बाद अपराध करने व नही करने वाले आरोपियों को बुलावा जो क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर है उनसे अपराध न करने का बॉन्ड लिखकर लिया जाता है।कुछ अपराधी को तड़ीपार किया जाता है। जिन अपराधियो ने बॉन्ड लिखकर देने के बाद अपराध किया उसे तो सजा मिलनी चाहिए।लेकिन जिन्होंने बॉन्ड लिखकर देने के बाद एक भी अपराध नही किया ऐसे अपराधी को थाने में बुलाया जा रहा है यह सवाल उठता दिखाई दे रहा है।

पुलिस आयूक्त अमितेश कुमार के इस आदेश से जो अभियान चल रहा है उससे सभी अपराधी घबराएं हुए है। पुरानी फाइलें निकलते निकालते पुलिस भी परेशान दिखाई दे रही है।इतनी कार्रवाई होने के बावजूद शहर का क्राइम कम नही हो रहा है।

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