सावित्री बाई फुले को राकांपा ने अभिवादन   

बुधवार को क्रांतिज्योति सावित्री बाई फुले के स्मृति दिन के अवसर पर बहुजन समाज वादी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  की और से सावित्री बाई फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।  इस वक़्त दोनों ही  पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में  उपस्थ्तित थे।

भारत की सबसे पहली शिक्षिका क्रांतिज्योति सावित्री बाई फुले का 10 मार्च 1897 को प्लेग के कारण  निधन हुआ था।  जिसके बाद हर वर्ष यह दिन  उनकी याद में स्मृति दिन के तौर पर जाना जाता है।  समाज से लड़कर सावित्री बाई फुले ने अपनी शिक्षा पूरी की। शिक्षा ग्रहण कर सावित्री बाई ने न सिर्फ समाज की कुरीतियों को मिटाया बल्कि भारत में लड़कियों के लिए शिक्षा के दरवाजे भी  खोले। इस वक़्त  बहुजन समाज वादी पार्टी की पक्ष नेता वैशाली नारनवरे ने अधिक जानकारी साँझा की।

लड़कियों को शिक्षा दिलाने में सावित्री बाई फुले ने  समाज में संघर्षो का सामना करना पड़ा लेकिन कभी भी वो झुकीं नहीं और लोगों का डंटकर सामना किया। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर बालविवाह, सतीप्रथा, विधवा-विवाह, और अंधविश्वास के खिलाफ समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष किया और उन्हें खत्म किया।  ऐसी जानकारी इस वक़्त राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शहर अध्यक्ष  अनिल अहिरकर ने दी।

obc सेल राष्ट्रवादी के ईश्वर बालबुधे  ने इस दरमियान सरकार से अपील की कि क्रांतिज्योति सावित्री बाई फुले को भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिए।  बता दे की प्लेग महामारी में सावित्री बाई फुले मरीजों की सेवा कर रही थीं। एक प्लेग से पीड़ित बच्चे की सेवा करते समय उन्हें भी प्लेग हो गया। और  10 मार्च 1897 को प्लेग के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *