साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी किए जाने के बाद कई शिकायतकर्ता अपना पैसा वापस पाने की उम्मीद छोड़ देते हैं. हालांकि, लाखों रुपये लूटने वाले साइबर अपराधियों को नागपुर पुलिस ने अपने जाल में फंसा लिया है. उनके विभिन्न बैंक खातों में मौजूद 24 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए और अदालत के आदेश पर पीिड़तों को 7 लाख 75 हजार रुपये वापस कर दिए गए. साइबर पुलिस के प्रयास से पीड़ितों को राहत मिल रही है.
पीड़ित वैभवनगर, दिघोरी निवासी भावेश उके एक निजी शोरूम में काम करता है. एक साइबर अपराधी ने उन्हें घर से काम करने की पेशकश की. वे उसके द्वारा दिखाए गए विभिन्न प्रलोभनों के आगे झुक गए. तय समय सीमा के भीतर काम पूरा होने पर भारी रिटर्न का लालच देकर उन्हें निवेश करने के लिए मजबूर किया जाता था.
भावेश को शुरुआत में अच्छा रिटर्न मिला. इसलिए उन्होंने निवेश की रकम बढ़ा दी. रिटर्न केवल ऑनलाइन दिखाई दे रहे थे. रकम निकालने के लिए दोबारा रकम निवेश करने को मजबूर होना पड़ता है. ऐसा करने पर निवेश की रकम बढ़कर 8 लाख 77 हजार रुपये हो गई. जैसे ही उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है तो वह साइबर थाने पहुंचा और पूरी घटना बताई. घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
पुलिस ने तुरंत संबंधित बैंकों को ईमेल किया और विभिन्न बैंकों में जाकर कार्रवाई की। संबंधित बैंक के नोडल अधिकारी से बात करने के बाद आरोपियों के विभिन्न बैंक खातों में मौजूद 24 लाख 79 हजार रुपये की रकम फ्रीज कर दी गयी.
Sunday, November 24, 2024
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