शहर के प्रसंग लाँन परिसर में 30 मई की सुबह प्राप्त अज्ञात युवक के शव की पहचान जयशंकर सुखराम धुर्वे 25 वर्ष, नीवासी धोलपूर त.चौरई जिला, छिंदवाड़ा के रुप में हुई। सुबह प्राप्त अज्ञात युवक के शव को सावनेर के सरकारी अस्पताल के अधिकारियों ने पोस्टमार्टेम हेतू सावनेर मर्च्युरी रवाना कर खानापुर्ती के तहत जानबूझकर टालमटोल रवैया अपनाकर उक्त शव को संदिग्ध बताकर उसका पोस्टमार्टम करने से मना कर शाम करीब 6 बजे के लगभग नागपुर मेडिकल रवाना कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडते नजर आये। मृतक युवक जयशंकर सुखराम धुर्वे 25 वर्ष, धौलपुर, चौरई जिला छिंदवाड़ा जीसके घरके हालात ठीक न होने से वह काम हेतू यहा आने की बात परिजनो ने बताई तथा उक्त अनहोनी घटना पुरा परीवार सकते में आ गया। एक ओर बुजुर्ग माता पीता का सहारा परलोक गया। वही दिनभर कडी धुप में मृतक का शव मर्च्युरी में पडा रहने से इतना खराब हो गया जब उसे समाजसेवी तथा हितज्योती फाऊंडेशन के हितेश बंन्सोड सहायक थानेदार सतीश पाटील, एएसआई अनिल तीवारी, सीपाई रवींद्र भेलावे, कोराडी निवासी समाजसेवी संजय रामटेके आदी की मदद से उक्त युवक का शव शवविच्छेदन हेतू मेडिकल हाँस्पीटल नागपुर रवाना किया। रात देर होने से 31 मई को उक्त शव का शवविच्छेदन किया गया। कींतू शव की हालात ईतनी खराब हो चुकी थी की उसे मृतक के निवासी गाव ले जाना लगभग असंभव था। तथा घर के आर्थिक हालत खराब और कोई भी वाहन इतने सड़े-गले शव को गांव तक ले जाने को तैयार न था। ऐसे में फीर एकबार सावनेर के थानेदार मारुती मुलूक, हितज्योती फाऊंडेशन के हितेश बंन्सोड तथा अन्य समाजसेवीयो ने मानवता का परिचय देते हुँये मृतक जयशंकर के पार्थिव पर अंतीम संस्कार की जिम्मेदारी लेकर सावनेर स्थीत राम गणेश गडकरी शमशान भुमी में युवक के पार्थिव शरीर पर अंतीम संस्कार कर अपना सामाजिक दाईत्व निभाया। मृतक युवक के अंतिम संस्कार हेतू पत्रकार किशोर ढुंढेले, लिंबानी साँ मील, नाझीम शेख, राजा फुले, आकाश कुंभलकर, बंटी महाले आदी ने सहयोग दिया। वही मृतक के परिजनो की निवास तथा भोजन की व्यवस्था थानेदार मारुती मुलूक ने तो वही उन्हे घर वापसी हेतू कोराडी निवासी संजय रामटेके ने भी 2000 रुपये की मदद मृतक के परिवार को की। वही जहा गरीब परीवार ने अपना युवा पुत्र खोया उसका दुखःतो दुनिया की कोई भी कीमत दुर नही कर सकती पर सावनेर पुलिस, समाजसेवी संस्था हितज्योती फाऊंडेशन तथा शहर के अन्य समाजसेवीयो व्दारा इस संकट की घडी में उनकी जो मदद की उससे उनकी आखो में इंसानीयत अभी जींदा है के अहसास की झलक उनके आसुंओ में नजर आयी। वही मृतक के पार्थीव पर पीता व्दारा अंतिम संस्कार होते ही बारीश की बुंदे टपकने लगी मानो अहसास दीला रही थी की बुढे, बेसहारा बाप के के कांधेपर बेटे का जनाजा देख मानो आसमान भी रो पडा।
Saturday, November 23, 2024
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