गुरुवार को संपूर्ण देश में महाशिवरात्रि कोरोना की पाश्व भूमि पर बड़ी ही सादगी से मनाई गई। इसी श्रृंखला में नागपुर का कल्याणेश्वर मंदिर भी पूरी तरह से सजाया गया था। हलाकि प्रशासन के निर्देशों के कारण मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी रही।
भगवान शिव को मनाने और उनकी कृपा पाने के लिए हर वर्ष फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व की खास मान्यता है। भगवान शिव की अराधना का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि है। इस दिन शिवभक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना के साथ उपवास भी रखते हैं। इस अवसर पर शहर का महल स्थित कल्याणेश्वर मंदिर भी पूरी तरह से सज्ज था। 11 मार्च को तड़के 5 बजे मंदिर ट्रस्टियों की उपस्थिति में हस्ते भगवान की पिंडी का ईक्षुरस ( गन्ने का रस ) से महारुद्राभिषेक हुआ . हलाकि प्रशासन के निर्देशों के कारण मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी रही. महाप्रसाद का आयोजन भी नहीं किया गया . वही भक्तो ने गेट से दर्शन किये। बता दे की 11 मार्च को रात 12 बजकर 06 मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट तक सबसे उत्तम मुहूर्त रहा।