भंडारा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि वह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति अपनाने के बाद अगले दो वर्षों में स्कूलों में आधुनिक शैक्षिक सुविधाएं प्रदान करेगा। इसके अलावा मिश्रित शिक्षा प्रणाली ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी जारी रहेगी। सूत्रों के मुताबिक अगले दो साल में देश के सभी स्कूलों को हाईटेक बनाने की योजना है। सभी सरकारी स्कूलों में इंटरनेट और वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और स्कूलों में सभी कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में बदला जाएगा। इस समय देश में स्कूलों की कुल संख्या 15 लाख है, जिनमें से 11 लाख स्कूल सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों को हाईटेक बनाने के साथ ही स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही उन्हें स्किल, डेटा साइंस और कोडिंग की सुविधा भी मिलेगी। कोरोना संकट पिछले डेढ़ साल से बना हुआ है, जिससे शिक्षा क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह, ऑनलाइन शिक्षा एक आवश्यकता बन गई है। इसलिए भविष्य में भी यही शिक्षण पद्धति जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत अब स्कूलों में मिश्रित (ऑफलाइन और ऑनलाइन) तरीके से शिक्षण किया जाएगा। इस संबंध में एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) को एक नया अध्ययन समूह बनाने का निर्देश दिया गया है।
वर्तमान में स्कूली बच्चों को स्किल, डेटा साइंस और कोडिंग जैसे विषयों पर ज्ञान प्रदान करने की योजना है। दूसरी ओर, चूंकि इन विषयों के लिए स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए छात्रों को कम समय में नए विषयों से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा इसने देश भर के स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने में उत्साह दिखाया है।
इस बीच, 2019-20 के लिए एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में केवल 22 प्रतिशत स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा है, जबकि 83 प्रतिशत स्कूलों में बिजली है।