मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक बार फिर बहुत बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि सस्पेंड चल रहे सचिन वाजे की फिर से बहाली के लिए उन पर सीधे महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे , तात्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे का दबाव था. सचिन वाजे प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक गाड़ी रखने और उस गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है. परमबीर सिंह ने यह खुलासा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ में किया है. परमबीर सिंह ने यह भी खुलासा किया है कि सचिन वाजे को शिवसेना में लिए जाने के बाद उसकी नियुक्ति अहम पदों पर करने का भी दबाव डाला गया था.
दूसरी तरफ अनिल देशमुख ने ईडी द्वारा की गई पूछताछ में परमबीर सिंह के आरोपों को नकार दिया है. देशमुख ने उल्टा यह कहा है कि एंटीलिया विस्फोट और मनसुख हिरेन की हत्या मामले का मास्टरमाइंड परमबीर सिंह ही थे. उन्होंने ईडी अधिकारियों से यह भी कहा कि परमबीर सिंह किसी भी सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया करते थे. वे हमेशा उलझा हुआ ही जवाब देते थे. लेकिन पुलिस विभाग के अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग रैकेट को लेकर अपने ऊपर लगे आरोपों को देशमुख ने शिवसेना नेता और मंत्री अनिल परब की ओर पास कर दिया. उन्होंने कहा अधिकारियों के ट्रांसफर की लिस्ट उन्हें अनिल परब लाकर देते थे.परमबीर सिंह ने ईडी को दिए जवाब में यह कहा है कि सीआईयू यूनिट में नियुक्ति दिए जाने के बाद कई अहम केस सचिन वाजे को दिए गए. वे केस सीएम उद्धव ठाकरे और अनिल देशमुख के कहने पर सचिन वाजे को दिए गए. टीआरपी घोटाला मामला भी इसी दौरान सचिन वाजे को दिया गया. साथ ही परमबीर सिंह ने यह भी कहा कि सचिन वाजे अपनी नियमित रिपोर्ट अनिल देशमुख को दिया करता था. हर बात सीधे उन्हीं को ब्रीफ किया करता था. परमबीर सिंह ने यह भी खुलासा किया कि एक बार सचिन वाजे ने उन्हें बताया था कि देशमुख ने पुलिस सेवा में फिर से बहाली के लिए उससे दो करोड़ रुपए मांगे थे.