संस्कार ही अध्यात्म का मूल है: संजय महाराज

नागपुर।(नामेस)।

संस्कार ही अध्यात्म का मूल है. शारीरिक और मानसिक शुद्धि संस्कारों से ही संभव है. यह उद्‌गार विन्ध्य पीठाधीश्वर बालयोगी अंतरराष्ट्रीय संत संजय महाराज ने व्यक्त किए. अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा की ओर से अमृत भवन, उत्तर अंबाझरी मार्ग में श्रीरामकथा का आयोजन किया गया है. गुरुवार को पांचवें दिन का पुष्प पिरोते हुए संत संजय महाराज ने कहा कि यज्ञ परमात्मा का स्वरूप है. इसी के द्वारा ब्रह्म नर रूप में अवतरित हुआ है. यज्ञ से श्रेष्ठ कोई कर्म नहीं है. यज्ञ से चित्त की शुद्धि शास्त्रोक्त है. कथा के मुख्य यजमान महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रामनारायण मिश्र व सावित्री मिश्र, राजेश प्रसाद पांडेय व शशिकला पांडेय, रवींद्र कुमार पांडेय व अरुणा पांडेय है. गुरुवार के यजमान शैलेश पांडेय तथा ब्रजेश मिश्र थे.रामकथा का समय प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 7 बजे तक रहेगा. 12 नवंबर को हनुमान चरित्र व सुंदरकांड होगा. 13 नवंबर को कथा में श्री राम राज्याभिषेक के बाद शाम 5 बजे पूर्णाहुति, रात 8 बजे महाप्रसाद होगा. रामकथा की सफलतार्थ महामंत्री राजेश पांडेय, ओमप्रकाश मिश्र, प्रेमशंकर चौबे, रत्नेश्वर तिवारी, केशवकांत तिवारी, शैलेश पांडेय, ब्रजेश मिश्र, अजय त्रिपाठी, मनोज पांडेय, जयराम दुबे, जीवन शुक्ला आदि प्रयासरत है.

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