नागपुर: ‘बच्चे के पैर पालने में ही दिख जाते है’ यह कहावत नागपुर के श्रीनभ पर जचती है. बचपन से ही अभूतपूर्व बौद्धिक क्षमता के साथ संसाधनों के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले श्रीनभ मौजेश अग्रवाल को सोमवार को आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डिजिटल रूप से दिया गया. श्रीनभ यह पुरस्कार पाने वाले पहले नागपुर निवासी हैं. उनका सपना अनुसंधान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने का है. श्रीनभ को पिछले साल ही इस पुरस्कार के लिए चुना गया था. हालांकि कोरोना की वजह से पुरस्कार समारोह नहीं हो पाया.इस वर्ष यह पुरस्कार दो वर्ष 20-21 और 21-22 के लिए एक साथ दिया गया. यह पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर के विभिन्न राज्यों के बच्चों को प्रदान किया गया. इस समय जिलाधिकारी आर.के. विमला, श्रीनभ के पिता डॉ.मौजेश अग्रवाल और डाॅ.टीनू अग्रवाल ऑनलाइन कार्यक्रम में मौजूद थे. यह पुरस्कार श्रीनभ को डिजिटल रूप से दिया गया. पुरस्कार विजेता श्रीनभ के खाते में डिजिटल प्रमाण पत्र, एक लाख नकद जमा किया गया. श्रीनभ ने बचपन से ही सभी को प्रभावित किया है और वैज्ञानिक क्षेत्र में अपना नाम बनाया है. जब श्रीनभ 10वीं में थे, तब उन्हें आईसीएससी बोर्ड परीक्षा में 99.9 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे और अखिल भारतीय रैंक में वह तीसरे स्थान पर थे. 12वीं की परीक्षा में भी उन्हें अच्छे अंक प्राप्त हुए. वैज्ञानिक की परीक्षा में भी श्रीनभ ने उल्लेखनीय कार्य किया. श्रीनभ को आईआईटी में नंबर एक स्थान दिया गया था, लेकिन अनुसंधान के क्षेत्र में अपने काम के लिए नोबेल पुरस्कार के इच्छुक श्रीनभ ने भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर को चुना. उन्होंने कम उम्र में ही वैज्ञानिक क्षेत्र में अपना नाम बना लिया है.
श्रीनभ की उपलब्धियां
श्रीनभ ने दो पुस्तकें लिखी हैं और उनके लेख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं. उनका पेटेंट ट्रिपल लॉक बोर होल प्रोटेक्शन लीड पर भी प्रकाशित हुआ है. उन्होंने आईआईटी कानपुर से फिजिक्स के दो कोर्स भी पूरे किए हैं. कम उम्र में किताबें लिखने के लिए उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और चिल्ड्रन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी सूचीबद्ध किया गया है.