श्रीनगर में मुठभेड़ में चार नागरिकों की मौत पर विवाद गहराया

 श्रीनगर। (एजेंसी)।
श्रीनगर में हुई एक मुठभेड़ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. पुलिस का कहना है कि मारे गए चार लोगों में से कम से कम तीन आतंकवादी थे, लेकिन उनके परिवारों ने पुलिस के दावों का खंडन किया है. मुठभेड़ श्रीनगर के हैदरपुरा इलाकेहुए थे. में सोमवार 15 नवंबर को हुई थी, जिसमें चार लोग मारे गए थे. कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि चारों में से दो आतंकवादी थे, एक आतंकवादियों का सहयोगी था और एक उस मकान का मालिक था, जिसमें दोनों आतंकवादी छिपे हुए थे. इनमें से कम से कम तीन मृतकों के परिवारों ने पुलिस के दावों का खंडन किया है और तीनों मृतकों के आतंकवादी होने से इनकार किया है. कश्मीर के इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि मकान के मालिक अल्ताफ अहमद डार ने सबसे ऊपरी मंजिल पर डॉक्टर मुदस्सर गुल को तीन कमरे किराए पर दिए  लेकिन गुल असल में उन कमरों से एक नकली कॉल सेंटर चला रहे थे. कुमार ने यह भी कहा कि उन कमरों में से एक का इस्तेमाल आतंकवादियों को पनाह देने के लिए किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि गुप्त जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मकान की तलाशी लेने के लिए डार और गुल दोनों को बुलाया था. पुलिस ने दोनों से मकान के दरवाजे पर दस्तक देने को कहा. शुरू में तो किसी ने दरवाजे को नहीं खोला लेकिन बाद में अंदर से दो आतंकवादियों ने दरवाजा खोल कर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं और इसी गोलाबारी के बीच दोनों आतंकवादियों के साथ-साथ डार और गुल की भी गोली लगने से मौत हो गई. गुल को कुमार ने आतंकवादियों का सहयोगी बताया और कहा कि वो उत्तरी और दक्षिणी कश्मीर से आतंकवादियों को उस मकान में लेकर आता था. डार, गुल और 24 वर्षीय आमिर मगरे के परिवारों ने उनके आतंकवादी होने से इनकार किया है. डार के परिवार का दावा है कि उसका असली नाम अल्ताफ अहमद भट था और वो एक व्यापारी था.

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