शिंदे और ठाकरे गुट में हुई तीखी बहस

मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर शिवसेना के दोनों गुटों की तरफ से विधायकों की अयोग्यता को लेकर दाखिल याचिकाओं पर 12 अक्तूबर को सुनवाई की। यह महाराष्ट्र विधान भवन में हुई पहली वास्तविक सुनवाई थी। इस बीच शिंदे और ठाकरे गुट में तीखी बहस हुई.
जी-20 देशों के सदन के अध्यक्षों की बैठक दिल्ली में हो रही है. इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर मौजूद रहेंगे. इसलिए एक दिन पहले गुरुवार को सुनवाई करने का फैसला किया. इसी के तहत गुरुवार की बैठक में तीन आवेदनों पर जोरदार बहस हुई. गुरुवार को ढाई घंटे से ज्यादा समय तक सुनवाई हुई. दोनों पक्षों ने अध्यक्ष के सामने अपना पक्ष रखा. मामले में अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी. इन तीनों आवेदनों पर नतीजे आने की संभावना है. 20 अक्तूबर को ये तय हो जाएगा, सभी याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई करनी है या एक साथ सुनवाई करनी है.
सीएम एकनाथ शिंदे के गुट की दलील थी कि सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई नहीं की जानी चाहिए. हर याचिका के कारण अलग-अलग हैं. इसलिए हर याचिका पर अलग-अलग सुनवाई की गई. उनके वकील इस पद पर अड़े रहे. शिंदे गुट की ओर से सिर्फ उनके वकील मौजूद थे. शिंदे समूह के वकील द्वारा ठाकरे समूह के तर्क को बार-बार खारिज किया गया.
ठाकरे समूह ने सभी याचिकाओं को समेकित करने का प्रस्ताव दिया. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की राय थी कि जब याचिकाओं में मुद्दे अलग-अलग हैं तो सभी याचिकाओं को एकसाथ करने की मांग पर फैसला कैसे दिया जा सकता है. गुरुवार की सुनवाई में ठाकरे समूह के सांसद अनिल देसाई, विधायक अनिल परब, विधायक अजय चौधरी और वकील मौजूद थे.
शिंदे समूह के वकील अनिल साखरे ने कहा कि अगर पिछली याचिकाओं पर सुनवाई की जाए तो मामले का फैसला जल्द हो जाएगा. सभी 34 याचिकाओं पर एक एक कर या अलग-अलग सुनवाई हो इसपर चर्चा हुई. उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से डिमांड किया गया कि सभी दस्तावेज को रिकॉर्ड पर रखा जाए. उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से अलग से कुछ और दस्तावेज पेश करने के लिए समय मांगा गया.
उन्होंने कहा कि ठाकरे समूह के तीन आवेदनों के कारण देरी हो रही है. सांसद अनिल देसाई ने आलोचना की कि शिंदे गुट समय ले रहा है. इस याचिका की तीन अर्जियों पर 20 अक्तूबर को फैसला आने की संभावना है. इसलिए याचिका पर फैसला आने में अभी और वक्त लगेगा. इसी याचिका पर बहस होगी. विधायक अयोग्यता याचिकाओं पर 23 नवंबर तक बहस होगी.
मामले की सुनवाई में हो रहा विलंब
ठाकरे गुट के व्हिप विधायक सुनील प्रभु कहा कि ‘हमारी शुरू से मांग है कि सभी याचिकाओं कोक्लब करके सुनवाई हो. जरूरी सभी सबूत और दस्तावेज दाखिल किए गए हैं. ऐसे में हर याचिका पर अलग-अलग सुनवाई से समय की बर्बादी होगी. इस मामले में राज्‍य की जनता जल्द से जल्द फैसला सुनना चाहती है, लेकिन शिंदे के वकील लगातार कह रहे हैं कि हर याचिका में सभी को अपनी भूमिका सामने रखनी है.ं
अयोग्यता पर फैसले में नहीं होगी जल्दबाजी
स्पीकर नार्वेकर ने 21 सितंबर को कहा था कि मैं शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने में देर नहीं करूंगा, लेकिन इस मामले में जल्दबाजी भी नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी करना मिसकैरेज ऑफ जस्टिस हो सकता है। मैं जो भी फैसला लूंगा, संवैधानिक होगा।
सुको ने स्पीकर पर छोड़ा था फैसला
बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था।

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