शाहजहांपुर. यूपी के शाहजहांपुर में साल 2002 में तीन बच्चियों की गोली मारकर हत्या मामले में न्यायालय ने दो दोषियों को सजा-ए-मौत सुनाई है. हत्या को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी का अपराध मानते हुए अपर सत्र न्यायाधीश-43 सिद्घार्थ कुमार वागव ने दोषी नरवेश कुमार और राजेंद्र को मौत की सजा सुनाई.साथ ही मिथ्या साक्ष्य गढ़कर बेटियों के पिता अवधेश कुमार को हत्यारा सिद्ध कर जेल भेजने पर जांच अधिकारी होशियार सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी ने समाज को एक गलत संदेश दिया है कि पुलिस सर्वशक्तिमान है, निर्दोष को दोषी और दोषी को निर्दोष बनाने में सक्षम है. इससे समाज में यह संदेश गया है कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने से पहले सावधान रहें. न्यायालय ने अपने आदेश में लिखा है कि पहले भी कई भीषण अपराध हुए हैं लेकिन इस घटनाक्रम को जो दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी का बनाता है, वह पुलिस की कार्यप्रणाली भी है. तीन छोटी परियों के पिता अवधेश को ही पुलिस जांच अधिकारी ने हत्यारा साबित कर जेल भेज दिया था. तीन छोटी बच्चियां बड़ी होकर किसी की पत्नी, किसी की मां, किसी की बहू बनती.
Sunday, November 24, 2024
Offcanvas menu