दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि शादी के बाद अपने पार्टनर को सेक्स के लिए इनकार करना क्रूरता है। सेक्स के बिना शादी अभिशाप है। शादी के बाद यौन संबंधों में लगातार निराशा से ज्यादा घातक और कुछ नहीं हो सकता। इस मामले में पत्नी के विरोध के चलते शादी का मकसद ही पूरा नहीं हुआ है।दरअसल, कपल की शादी साल 2004 में हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। इसके बाद महिला मुश्किल से 35 दिन अपने पति के साथ रही। महिला शादी के बाद भी पिछले 18 सालों से अपने मायके में रह रही है। पत्नी के ससुराल न लौटने पर पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दी, जिसके बाद कोर्ट ने तलाक का फैसला सुनाया था।महिला ने फैमिली कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। महिला ने आरोप लगाया कि पति और ससुराल वाले उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कैत की बेंच ने सुनवाई करते हुए महिला की याचिका को खारिज कर दिया।अदालत ने कहा कि महिला साबित नहीं कर पाई है कि उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया। मामले में फैमिली कोर्ट ने सही फैसला दिया था। हालांकि, यह साबित नहीं हुआ है कि महिला ने पति को छोड़ दिया था। लेकिन महिला ने पति के साथ 18 साल तक जो किया, वह क्रूरता है। इस आधार पर पति महिला से तलाक ले सकता है।
Sunday, November 24, 2024
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