कुही।
पूरे देश में स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है। लेकिन इस अभियान को शायद कुही की ग्राम पंचायत भुल गई। इस कुही न पं को स्वच्छ भारत अभियान के तहत पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है, यह विशेष। लेकिन गत कुछ माह से यहां पर खुले में कचरा पेटी में कचरा दो तिन महीने से निकलकर साफ नही किया। उस पेटी में कचरा का ढेर लगा हुआ है। इसकी वजह से परिसर के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने भी नगर पंचायत को लिखित ज्ञापन देने के बावजूद इस कचरा पेटी में जमापड़ा कचरे के ढ़ेर को नहीं हटाया गया है। जिससे नगर पंचायत के कामकाज पर सवाल उठ रहे हैं। तहसील शहर में वार्ड नंबर 15 में एक मकान के बगल में और डॉ राठी दवाखाना के भारी मात्रा में कचरे का डंप कर रखा है। इस कचरे के कारण परिसर में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा गया है। कुही शहर में पिछले दो महीने में कई लोग डेंगू से संक्रमित भी हो चुके हैं और डेंगू के मरीज भी सामने आ चुके हैं। हालांकि न पं पंचायत अभी भी मामले को लेकर लापरवाही बरत रही है। साफ – सफाई पर ध्यान देने की ग्रामीणों ने की है। कुही तहसील को स्वच्छता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन पिछले कुछ माह से कुही तहसील के अधिकांश गांवों में साफ सफाई मानों नहीं के बराबर हो रही है। हर तरफ कचरा और गंदगी ही गंदगी नजर आ रही है। ऐसे में गांव में मच्छरों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। लोग भी विविध बीमारियों से संक्रमित भी हो रहे है। स्थानीय प्रशासन ने जल्द से जल्द इस गंभीर समस्या पर ध्यान देकर इसका निराकरण करने की आवश्यकता है।
निरीक्षण के बाद भी कार्रवाई नहीं-
उल्लेखनीय है कि पिछले साल ग्राम पंचायत, भूमि विकास अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी और तहसीलदार के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद ग्राम पंचायत और संबंधित अधिकारियों ने मौके पर जाकर जांच की और खाद मालिक को नोटिस भी जारी किया। लेकिन खाद मालिक ने ग्राम पंचायत के नोटिस को कचरे की टोकरी में डाल दिया और आज भी वह गोबर का खाद वहीं पड़ा है। नतीजा यह है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और क्षेत्र के नागरिकों को दुर्गंध और मच्छरों की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिकायतकर्ता मोहन भिवगड़े के साथ नागरिकों ने संबंधित गोबर खाद को जल्द से जल्द उठाने की मांग की है।