शहर में एलईडी स्ट्रीट लाइटों ने निगम के लिए एक बड़ी वित्तीय बचत की

नागपुर शहर में पारंपरिक मरकरी सोडियम स्ट्रीटलाइट्स को ऊर्जा कुशल एलईडी स्ट्रीट लाइट में बदलने का काम 3 जनवरी, 2017 से शुरू हुआ। उस समय शहर में पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों की संख्या 129040 थी और बिजली की वार्षिक लागत 35.61 करोड़ रुपये थी। आज शहर में 144,165 एलईडी स्ट्रीटलाइट हैं और बिजली बिल केवल 19.62 करोड़ रुपये है। इस बदलाव से स्ट्रीट लाइटों के बिजली बिल की बचत हुई है। इस परियोजना से निगम की ऊर्जा के साथ-साथ वित्तीय बचत भी हुई है।
इस परियोजना की समीक्षा के संबंध में हाल ही में महापौर दयाशंकर तिवारी की अध्यक्षता में डॉ. पंजाबराव देशमुख स्मृति स्थायी समिति हॉल में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपमहापौर मनीषा धवड़े, स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रकाश भोयर, सत्तारूढ़ दल के नेता अविनाश ठाकरे, अग्नि और बिजली विशेष समिति के अध्यक्ष दीपक चौधरी, वास्तुकला पर विशेष समिति राजेंद्र सोनकुसारे, वरिष्ठ पार्षद सुनील अग्रवाल, पूर्व स्थायी समिति के अध्यक्ष विजय झलके ने भाग लिया। सत्तारूढ़ दल के पूर्व नेता संदीप जाधव, अपर आयुक्त संजय निपाने, कार्यपालक अभियंता अजय मानकर आदि उपस्थित थे.
बैठक के दौरान मेयर ने ऊर्जा बचत और स्ट्रीट लाइट के लिए भुगतान की गई राशि की समीक्षा की. वर्ष 2016-17 में पुरानी मरकरी और सोडियम स्ट्रीट लाइट को नई एलईडी स्ट्रीट लाइट से बदलने का काम चरणबद्ध तरीके से शुरू हुआ। वर्ष 2016-17 में 129040 स्ट्रीट लाइट के बिल के लिए 35.61 करोड़ का भुगतान करना था। वर्ष 2018-19 में एनएमसी को 139405 स्ट्रीट लाइट के लिए 33.79 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा। वर्ष 2019-20 के दौरान 142880 एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने के बाद नगर निगम को भुगतान की जाने वाली राशि 18.72 करोड़ रुपये थी। 2020-21 में एनएमसी को 144165 स्ट्रीट लाइट के लिए महज 19.62 करोड़ रुपये देने पड़े। यह 16 करोड़ रुपये की बचत का आंकड़ा है। वर्ष 2021-22 में मई तक केवल 5.09 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। विशेष रूप से, एलईडी स्ट्रीटलाइट्स की संख्या 2018-19 से पहले पुरानी स्ट्रीट लाइटों की तुलना में अधिक है। 2016-17 में पुरानी स्ट्रीट लाइटों की संख्या 129040 थी जबकि वर्ष 2020-21 में अब तक लगाई गई एलईडी स्ट्रीट लाइटों की संख्या 144165 है जो 15125 अधिक है।
नई एलईडी स्ट्रीट लाइट में टाइमर सेट है और स्ट्रीटलाइट चालू होने के बाद चार घंटे तक पूरी तरह से जलती है। सड़क यातायात कम होने के बाद हर दो घंटे में यह रोशनी मंद हो जाती है। बेशक इसे 60 प्रतिशत पर लाया गया है। फिर 5.30 बजे लाइट 50 प्रतिशत होती है।
टिकर

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