पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने बताया कि जीआईएस और जीपीएस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर पेड़ों की गणना होगी. पेड़ों को यूनिक नंबर दिया जाएगा. वर्ष 2011 में हुई गणना के अनुसार शहर में 2143838 पेड़ थे. में पश्चिम नागपुर में पेड़ों की संख्या अधिक है जबकि पूर्व, उत्तर और दक्षिण नागपुर में पेड़ कम हैं. ऐसे में जहां भी जगह उपलब्ध होंगे. वहां पेड़लगाने की व्यवस्था की जाएगी.
मनपा के उद्यान अधीक्षक अमोल चौरपगार ने बताया कि हुड़केश्वर व नरसाला नागपुर शहर में समाहित होने की वजह से निश्चित तौर पर पेड़ों की संख्या बढ़ेगी. स्थायी समिति में गणना के प्रस्ताव को मंजूर किए जाने के बाद निविदा निकाली जाएगी. नए अधिनियम के तहत हेरिटेज वृक्षों की जानकारी इकट्ठा की जाएगी. मनपा की आर्थिक स्थिति खराब होने और कोविड की वजह से गणना में विलंब हुआ.