नई दिल्ली. भारत में भी कोविड-19 बूस्टर डोज देने की अनुमति मिल गई है. हालांकि, बूस्टर डोज पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर रूप से बीमार बुजुर्गों को दिया जाएगा, लेकिन बूस्टर डोज लेने वाले लोगों के बीच का अंतर कितना होगा इसको लेकर अभी मंथन जारी है. सूत्रों के हवाले से बताया है कि कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक और बूस्टर डोज के बीच 9 से 12 महीने का अंतर होने की संभावना है. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक और तीसरी, जिसे ‘एहतियाती खुराक’ या बूस्टर डोज कहा जा रहा है, के बीच का अंतर 9 से 12 महीने तक रहने के आसार है. सूत्रों ने बताया कि भारत में कोरोना रोधी टीका बनाने वाली कंपनियां में वर्तमान में उपयोग किए जा रहे टीकों में अंतराल की बारीकियों पर काम चल रहा है, और इस पर अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा, लेकिन रिपोर्ट की मानें तो कोरोना की दूसरी खुराक के बाद बूस्टर डोज के लिए 9 से 12 महीने के बीच का अंतराल रखना जरूरी है.
90 फीसदी व्यस्क आबादी ने लगाई पहली खुराक
गौरतलब है कि भारत में टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है. देश की 61 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी को टीके की दोनों खुराकें मिल चुकी हैं. इसी तरह, लगभग 90 प्रतिशत वयस्क आबादी को पहली खुराक दी जा चुकी है. देश में टीकाकरण की बात करें तो 141 करोड़ से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है.