चंद्रपुर।
वेकोली के बल्लारपुर इलाके में शनिवार को करीब 200 ठेका निजी चालकों ने न्याय की मांग को लेकर काम बंद आंदोलन का हथियार उठा लिया। इस कारण वेकोली कोयला खदान में अधिकारियों और श्रमिकों के लिए सभी चार पहिया वाहनों और ट्रकों को पूरी तरह से बंद कर दिया। पिछले दस वर्षों से बल्लारपुर क्षेत्र की सभी आठ कोयला खदानों का परिवहन के लिए निजीकरण कर दिया गया है। पिछले दस वर्षों से निजी वाहनों को अनुबंध के आधार पर किराए पर लिया गया है। इसके लिए कई कंपनियों के वाहन यहां सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि इन गाडियो में काम करने वाले ड्राइवरों को नियमानुसार न्यूनतम वेतन और सुविधाएं नहीं दी जाती हैं। इस मनमानी के खिलाफ संगठित होकर ठेका मजदूर मांग करते रहे, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अंत में, इंटैक के नेता आर. शंकरदास के माध्यम से कार्य ठप आंदोलन का आवाहन किया गया। इससे यहां हड़कंप मच गया। एंबुलेंस को छोड़कर सभी वाहन जाम हो गये इससे कोयला खदानों में काम ठप हो गया। इन सभी वाहन चालकों को कानून के अनुसार न्यूनतम वेतन मिले, वेतन पर्ची मिले, बारह घंटे की जगह आठ घंटे काम किया जाए, उचित भविष्य निधि काटकर नियमित रूप से कर्मचारी के खाते में जमा किया जाए, नियमानुसार किराए का भुगतान, चिकित्सा सुविधाओं सहित सभी भत्ते, कंपनी को पुराने ड्राइवरों को काम पर रखना चाहिए, एक भुगतान तिथि निर्धारित करना आदी मांग सामने रखी गयी थी। इन मांगो को दरकिनार किये जानेसे नतीजतन, कोयला श्रमिक ने 25 मांगों को लेकर आंदोलन का आवाहन किया गया है, जिसमें नियमित वेतन, एक सप्ताह की छुट्टी, किसी तरह की कमी या माइलेज के कारण वेतन कटौती बंद करना शामिल है। इस संबंध में मुख्य महाप्रबंधक आर. शंकरदास और कार्यकर्ताओं को चर्चा के लिए बुलाया गया है, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई समाधान नहीं निकला।