नागपुर। (नामेस)।
इस बार बारिश ने भी काफी आंखमिचौली का खेल खेला. लेकिन इसके बाद भी सितंबर महीने में हुई बारिश के कारण विदर्भ ने बारिश का औसत पूरा कर लिया है. समुचित मात्रा में हुई बारिश से खरीफ के साथ ही रबी की फसलों को भी जीवनदान मिला है. भारतीय मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक इस साल अभी तक समुचित बारिश हुई है. इससे खरीफ के साथ ही रबी की फसलों को भी लाभ होगा. कुल मिलाकर सितंबर की बारिश ने विदर्भ की बारिश का बैकलॉग पूरा कर लिया है.
जून से अगस्त ने बढ़ाई थी चिंता
जून से लेकर अगस्त तक अपेक्षित बारिश नहीं होने से किसानों में चिंता थी. विदर्भ की स्थिति कुछ चिंताजनक थी. लेकिन सबसे कम बारिश वाले सितंबर महीने में वरूड़ देव की अधिक कृपा होने तथा पिछले दो सप्ताह से लगातार बारिश जारी रहने के कारण पुरानी कसर पूरी हो गई. पंद्रह दिन पहले तक बारिश के मामले में रेड जोन में रहने वाले जिलों में भी बारिश की स्थिति अब बेहतरीन हो गई है. प्रादेशिक मौसम विभाग के अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर गौर करने के बाद यह बात साबित हो जाती है. विदर्भ में 1 जून से अभी तक 846 मि.मी. बारिश हुई है. जो औसत बारिश से केवल चार फीसदी कम है. मौसम विभाग के मापदंडों के मुताबिक इसे औसत बारिश माना जाता है. संभागीय मुख्यालय वाले अमरावती संभाग में भी बारिश की स्थिति बेहतरीन है. औसत के करीब बारिश होने के साथ ही सभी नदी-नाले के साथ ही संभाग के विभिन्न जलाशयों का भंडार भी बढ़ा है. जिले में अभी तक 558.1 मि.मी. बारिश हुई है. यह 78.8 फीसदी के करीब है. जबकि चौबीस घंटे के दौरान जिले में 7.1 मि.मी. बारिश हुई है. जबकि संभाग में इस दौरान तक अपेक्षित 618.9 मि.मी. बारिश को क्रास कर संभाग में इस बार 623.8 मि.मी. बारिश हुई है. यह 100.8 फीसदी के करीब है. जिले में इस बार अंजनगांव सुर्जी तहसील में सर्वाधिक 124.2 फीसदी के करीब बारिश हुई है. दूसरे स्थान पर 118.9 फीसदी के साथ दर्यापुर और तीसरे स्थान पर चांदुर रेलवे तहसील है. सबसे कम बारिश चिखलदरा 47.9, धारणी 65.3 फीसदी बारिश हुई है. इन दोनों तहसीलों में हर वर्ष सर्वाधिक बारिश होती है. लेकिन इस साल दोनों ही तहसीलें बारिश के लिहाज से पिछड़ गई.