विदर्भ अलग ना होने के लिए कांग्रेस भाजपा जिम्मेदार

 

पवनी/देवलापार।

आजादी के पूर्व अधिवेशन में अलग विदर्भ के लिए प्रस्ताव पारित किये थे।आजादी मिलने के बाद देश की सत्ता कांग्रेस के हाथो में आई लेकिन सत्ता संभालने के बाद कांग्रेस ने अलग विदर्भ के मुद्दे को भुला दिया। 60 वर्ष तक कांग्रेस ने विदर्भ के नाम पर केवल वोट हासिल किये। विदर्भ के नाम पर वोट मागनेवाली भाजपाने भी ऐसा ही व्यवहार किया। इस प्रकार इन दोनो ही पार्टी ने विदर्भ की जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप विदर्भ राज्य आंदोलन समिती के नेता राम नेवले ने किया है। 11 सितम्बर को देवलापार के उदय हायस्कूल के सभागृह में आयोजित रामटेक तहसील के कार्यकर्ताओं की सभा में राम नेवले बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद आयोग और समितीयोने अलग विदर्भ की आवश्यकता बतायी। विदर्भ अलग होने पर देश का सबसे समृद्ध राज्य बन सकता है। कांग्रेस और भाजपा ने ही विदर्भ के अलग होने पर रुकावटे लाई ऐसा भी आरोप उन्होने लगाया। उपस्थित वक्ताओ ने भी विदर्भ का विकास होने में अलग विदर्भ की महत्ता को रेखांकित किया। सभा में विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष रंजना कांबले, प्रदेश युवा आघाडी अध्यक्ष मुकेश मासुरकर, नागपुर शहर महासचिव राजेंद्र गवई, शिवसेना के जितेंद्र सरोदे, भाजपा के संजय गुप्ता, प्रदीप शिरसकर, अरुण दूनेकर, सुनिता दुणेकर, वीणा खंडाते, संगीता चाकोर, प्रकाश वादिवे, राजेंद्र फुलबेल, गोपाल नागवंशी तथा बडी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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