आषाढ़ी में विट्ठल भक्तो को पांडुरंग के दर्शन की आस लगती है। यही आस ह.भ.प मोहन गडांईत महाराज को पिछले कुछ साल से लगी है। और उनके इस आस से संत ज्ञानेश्वर माऊली मंडल , तहसीलदार हनुमान मंदिर टिलक चौक से विठ्ठल के दर्शन के लिए भाविको का पोहा पंढरपुर की और प्रस्थान हुआ। आषाढी एकादशी के पर्व पर सभी भक्तगण धार्मिक स्थल का दर्शन लेकर पंढरपूर में पहुचेंगे।
इस यात्रा में वृध्द मंडली, महिला, पुरुष तथा बालगोपाल वारी में सहभागी हो गए है। उनका उत्साह युवकों से भी ज्यादा है। पांडुरग के जयघोष तथा हरिनाम गजर में हिंगणघाट से भक्तमंडली घरबार की आस छोड़कर विठ्ठल भक्ति में तल्लीन हो गई दिखाई दी। इस वारकरी को बिदाई देने ह.भ.प वासुदेवराव कुंभेकार, वणा नदी संवर्धन समिती के अध्यक्ष रुपेश लाजुरकर, सामाजिक कार्यकर्ते देवा कुबडे , गणेश सोनटक्के, सुधाकर अतकर, बालु कापकर, अभिषेक आंबडकर,और वार्ड के नागरिको ने जय घोष करते बिदाई दी। पंढरपुर वारीमध्ये सहभागी भक्तगण, विषेश करके मुस्लिम समाज की वारकरी फातीमाबाई शेख का सहभाग विशेष रहा। ह.भ.प वामनराव गडांईत, गजानन डांगरे, रमा तांदुलकर, नलु कापकर, यमुना साटोणे, सविता गंडाईत, प्रतिभाताई ठाकरे, संगिता सावरकर, राजेंद्र निनावे, मंदा दुधे , हरि कटारे, कांता धात्रक, आनंद लोहकरे, शोभा साठे, उषा कात्रे, छबु मेहर, भगवती मस्के, मारोतराव आंबडकर, बेबीताई मुसले, मिना बोंडे, अरुण शहारे, दिलीप साहरे, लक्ष्मीबाई बरेहा, स्वाती पटेल, सचिन पटेल और सैकड़ों वारकरी संप्रदाय के लोक पांडुरंग के दर्शन के लिए निकले है।
Sunday, November 24, 2024
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